Bihar Election: भागलपुर की 5 सीटों पर NDA-महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर

Edited By Nitika, Updated: 02 Nov, 2020 03:11 PM

ljp increases nda problems in bhagalpur

बिहार में दूसरे चरण में 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भागलपुर जिले की पांच सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है वहीं लोजपा) ने अपने प्रत्याशी खड़े कर राजग की मुश्किलें बढ़ा दी है।

 

भागलपुरः बिहार में दूसरे चरण में 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भागलपुर जिले की पांच सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है वहीं लोजपा) ने अपने प्रत्याशी खड़े कर राजग की मुश्किलें बढ़ा दी है।

भागलपुर जिले में विधानसभा की कुल 7 सीटें हैं और इनमें से 4 भागलपुर, कहलगांव, पीरपैंती एवं बिहपुर पर महागठबंधन का कब्जा है वहीं शेष 3 नाथनगर,गोपालपुर तथा सुल्तानगंज में राजग ने पिछले चुनाव में अपना परचम लहराया था। प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को हुए चुनाव में सुल्तानगंज और कहलगांव सीट के लिए मतदान हो चुका है।

बिहार में कभी भाकपा का गढ़ माने जाने वाले पीरपैंती (सुरक्षित) सीट पर वर्ष 1972 से 1995 तक भाकपा के दिग्गज नेता अंबिका प्रसाद का कब्जा रहा। इसके बाद कांग्रेस, राजद एवं भाजपा प्रत्याशी काबिज हुए। फिर, वर्ष 2015 के चुनाव में राजद के रामविलास पासवान ने भाजपा के ललन पासवान को करीब 32 हजार मतों से शिकस्त देकर इस सीट पर राजद का कब्जा कायम किया। इस बार भी दोनों प्रत्याशी फिर से मैदान में है लेकिन इस बार टिकट पाने से वंचित भाजपा के बागी पूर्व विधायक अमन कुमार निर्दलीय मैदान में कूदकर यहां के चुनावी संघर्ष को त्रिकोणीय बनाने मे लगे हुए हैं। इससे राजग के ललन पासवान की मुश्किलें बढ़ गई है। इन 3 प्रत्याशी सहित कुल 21 प्रत्याशी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। यहां कुल 3 लाख 33 हजार 888 मतदाता हैं।

मिनी राजस्थान के नाम से मशहूर भागलपुर सीट पर काबिज महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को टक्कर देने के लिए राजग की ओर से भाजपा के रोहित पांडेय को उतारा गया है। वहीं, दोनों के खिलाफ लोजपा ने उप महापौर राजेश वर्मा को खड़ा किया है। यहां से कुल 8 प्रत्याशी मैदान में है। भाजपा और लोजपा दोनों के प्रत्याशी नए चेहरे हैं और हाल के कुछ वर्षों से भागलपुर शहर में उन दोनों की गतिविधियों से जनता परिचित हुई है। यह सीट भाजपा की परम्परागत मानी जाती रही है। जनसंघ से जुड़े वर्तमान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने लंबे समय तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।

चौबे के बक्सर से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने जाने के बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के खिलाफ भाजपा ने उनके पुत्र अर्जित शाश्वत को उतारा था लेकिन भाजपा के ही विजय साह ने टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजतन, भाजपा प्रत्याशी की हार हुई और विजय साह के कारण कांग्रेस के अजीत शर्मा ने 10 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की थी।

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