Edited By Geeta, Updated: 20 Feb, 2025 06:12 PM
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maiya samman yojana 2025: झारखंड में हेमंत सरकार की मंईयां सम्मान योजना (maiya samman yojana) इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, लाभुकों के खाते में जनवरी औऱ फरवरी माह की किस्त नहीं भेजी गई है। लाभुक दो माह की किस्त का बेसब्री से इंतजार कर...
maiya samman yojana 2025: झारखंड में हेमंत सरकार की मंईयां सम्मान योजना (maiya samman yojana) इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, लाभुकों के खाते में जनवरी औऱ फरवरी माह की किस्त नहीं भेजी गई है। लाभुक दो माह की किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। फरवरी माह की भी 15 तारीख की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। अब यह सवाल उठने लगे हैं कि, किस्त क्यों जारी नहीं हो रही है? क्या फंड की कमी हो गई है?
मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों को किस्त देने के लिए फंड मौजूद
विपक्ष द्वारा दावा किया जा रहा है कि, मंईयां सम्मान योजना (maiya samman yojana) के लिए सरकार के पास फंड नहीं बचा है, लेकिन ऐसा नहीं है। बता दें कि, इस योजना के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि फंड की व्यवस्था सरकार गठन के बाद हुए पहले विधानसभा सत्र के दौरान ही कर ली गई थी। गौरतलब है कि, सरकार ने 2024-25 के लिए कुल 11,697 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित कराया था। सबसे ज्यादा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए 6390.55 करोड़ रु. आवंटित किए गये थे। ते यहां यह कहना गलत होगा कि सरकार के पास फंड नहीं है। सरकार के पास मार्च 2025 तक लाभुकों को किस्त देने के लिए फंड मौजूद है। वहीं इस बात पर मुहर लगाते हुए हाल ही में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने खुद भी कहा था कि पैसे की कमी नहीं है.
मंईयां सम्मान योजना को लेकर भाजपा ने सरकार पर बोला हमला
वहीं इस बीच भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, मंईयां सम्मान योजना (maiya samman yojana) से यह सरकार हांफने लगी है. कभी भी सरकार वेंटिलेटर पर जा सकती है. हर महीने की 11 तारीख को बहन-बेटियों के बैंक अकाउंट में 2500 रुपए भेजने में सरकार विफल हो चुकी है. 5 किस्तें देने के बाद ही सरकार हांफने लगी है. रमाकांत महतो ने आगे कहा कि, मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने के लिए सरकारी पैसे विज्ञापन पर पानी की तरह बहाये जा रहे हैं.
“सरकार ने बाहरी लोगों को नौकरियां बेचीं”
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि वह झारखंडी युवाओं को नौकरियां बांट रही है, लेकिन यह सत्य नहीं है. सत्य से परे है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि 5 सालों में जेएसएससी और सरकारी संस्थाओं के द्वारा जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं, उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी झारखंड राज्य से बाहर के हैं. हेमंत सोरेन सरकार ने जितनी भी नियुक्तियां की हैं, सभी में जमकर धांधली हुई है. प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. कई विवाद हुए. जेएसएससी चेयरमैन को इस्तीफा देना पड़ा. मामला हाईकोर्ट पहुंचा. इस सरकार ने बाहरी लोगों को नौकरियां बेचीं हैं. शिक्षकों की नियुक्ति हो या लैब टेक्नीशियन की, नगर विकास, आवास विभाग या फिर अन्य विभाग की, हर मामले में सरकार के संरक्षण में धांधली हुई. यहां तक कि जेपीएससी परीक्षा भी अछूती नहीं रही. परीक्षा केंद्रों में खुलकर धांधली हुई.