Edited By Swati Sharma, Updated: 10 Jul, 2025 05:23 PM
Balrampur Assembly Seat: बिहार का बलरामपुर विधानसभा सीट कटिहार लोकसभा के तहत आता है। 2010 में बलरामपुर में हुए विधानसभा चुनाव में दुलालचंद गोस्वामी ने जीत का परचम लहराया था। वहीं 2015 और 2020 में यहां से सीपीआई एमएल एल की टिकट पर महबूब आलम ने जीत...
Balrampur Assembly Seat: बिहार का बलरामपुर विधानसभा सीट कटिहार लोकसभा के तहत आता है। 2010 में बलरामपुर में हुए विधानसभा चुनाव में दुलालचंद गोस्वामी ने जीत का परचम लहराया था। वहीं 2015 और 2020 में यहां से सीपीआई एमएल एल की टिकट पर महबूब आलम ने जीत हासिल किया था।
Balrampur Assembly Seat Result 2020।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सीट से सीपीआई एमएल एल कैंडिडेट महबूब आलम ने जीत का परचम लहराया था। महबूब आलम एक लाख चार हजार चार सौ 89 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे तो वीएसआईपी कैंडिडेट बरूण कुमार झा 50 हजार आठ सौ 92 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस लिहाज से महबूब आलम ने बरूण कुमार झा 53 हजार पांच सौ 97 वोट के विशाल अंतर से हराया था। वहीं एलजेपी उम्मीदवार संगीता देवी 8 हजार नौ सौ 49 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Balrampur Assembly Seat Result 2015।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सीट से सीपीआई एमएल एल की टिकट पर महबूब आलम ने जीत हासिल की थी। महबूब आलम ने चुनाव में 62 हजार पांच सौ 13 वोट हासिल किया था। वहीं बीजेपी कैंडिडेट बरूण कुमार झा को 42 हजार 94 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से महबूब आलम ने बरूण कुमार झा को 20 हजार चार सौ 19 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं जेडीयू कैंडिडेट दुलालचंद गोस्वामी , 40 हजार एक सौ 14 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

Balrampur Assembly Seat Result 2010।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सीट से निर्दलीय कैंडिडेट दुलालचंद गोस्वामी ने जीत हासिल की थी। दुलालचंद गोस्वामी ने चुनाव में 48 हजार एक सौ 36 वोट हासिल किया था। वहीं सीपीआई एमएल एल के कैंडिडेट महबूब आलम ने 45 हजार चार सौ 32 वोट हासिल किया था। इस तरह से दुलालचंद गोस्वामी ने महबूब आलम को 2 हजार सात सौ चार वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं एनसीपी कैंडिडेट हबीबुर रहमान ने 16 हजार चार सौ 74 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

2020 के विधानसभा चुनाव में एक बहुत बड़े अंतर से महबूब आलम ने जीत हासिल की थी। अगर अपने इस वोटर बेस को कायम रखने में महबूब आलम सफल रहे तो उनके विजय रथ को रोकना एनडीए के लिए नामुमकिन होगा।