Edited By Ramanjot, Updated: 30 Mar, 2025 10:17 AM

प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी बिहार दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब बिहार में चुनाव हैं, इसलिए नवंबर तक अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सिर्फ बिहार ही दिखेगा। भाजपा को अब चुनाव तक बिहार का गौरवशाली इतिहास ही...
पूर्णिया: जनसुराज (Jan Suraj) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि अभी तक बिहार में विकल्प की कमी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के डर से मुसलमान समुदाय राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को वोट देता रहा है लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश के लोगों के पास जनसुराज एक बेहतर विकल्प है।
किशोर जनसुराज उद्घोष यात्रा के तहत पूर्णिया और अररिया के एक दिवसीय दौरे पर हैं। पूर्णिया में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 38 प्रतिशत मतदाताओं की बात कर रही है तो दूसरी तरफ जन सुराज शत प्रतिशत बिहार के लोगों की बात कर रही है और इस 100 प्रतिशत में वो 38 प्रतिशत लोग भी शामिल हैं जो उनके मुताबिक उनके समर्थक हैं। बिहार में किसी भी दल का समर्थक हो पर करीब 60 प्रतिशत जनता नया विकल्प और बदलाव चाहते हैं। जनसुराज के सूत्रधार ने पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह बरसाती मेंढक हैं। उनका काम बारिश में बाहर निकलकर टररना है। उन्होंने कहा कि यादव कोई फैक्टर नहीं हैं, वे पूर्णिया से इसलिए जीते क्योंकि उदय सिंह चुनावी राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं।
"भाजपा को अब चुनाव तक बिहार का गौरवशाली इतिहास ही दिखेगा"
प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी बिहार दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब बिहार में चुनाव हैं, इसलिए नवंबर तक अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सिर्फ बिहार ही दिखेगा। भाजपा को अब चुनाव तक बिहार का गौरवशाली इतिहास ही दिखेगा। अब नवंबर तक हर केंद्रीय योजना का शिलान्यास बिहार से होगा, किसान सम्मान निधि का पैसा भी बिहार से भेजा जाएगा। लेकिन यदि गृह मंत्री को वाकई बिहार और बिहार के बच्चों की इतनी चिंता है तो बिहार के जो बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मात्र 12 हजार रुपये में काम कर रहे हैं, उन्हें गुजरात के मजदूरों के बराबर फैक्ट्रियों में मजदूरी दिलवाएं।
"इस बार वोट बिहार के विकास के लिए करना होगा''
जनसुराज के सूत्रधार ने कहा, ‘‘गृह मंत्री से हमारी मांग है कि वे सूरत, मोरबी की फैक्ट्रियों में काम कर रहे बिहार के बच्चों को भी गुजरात के मजदूरों के बराबर मजदूरी दिलवाएं। इसके साथ शाह को बताना चाहिए कि कितने गुजराती व्यापारियों ने बिहार में फैक्ट्री लगाई हैं। उन्हें बताना चाहिए कि पिछले 11 वर्षों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने बिहार में कितनी फैक्ट्रियां लगाई हैं। गुजरात को बुलेट ट्रेन और बिहार में पैसेंजर ट्रेन के लिए भी मारामारी हो रही है। अब बिहार की जनता को समझना होगा कि वोट हमारा और विकास गुजरात का नहीं चलेगा। इस बार वोट बिहार के विकास के लिए करना होगा।''