Edited By Nitika, Updated: 12 Aug, 2024 01:59 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के किसानों की हालत बदलने के लिए कृषि रोड मैप की शुरुआत की। अब तक बिहार में चार कृषि रोड मैप लॉन्च किया जा चुका है। गौरतलब है कि साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे...
पटना(विकास कुमार): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के किसानों की हालत बदलने के लिए कृषि रोड मैप की शुरुआत की। अब तक बिहार में चार कृषि रोड मैप लॉन्च किया जा चुका है। गौरतलब है कि साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आए थे तो उन्होंने कृषि के भविष्य और इसमें बिहार के लोगों की भविष्य को लेकर उन्होंने कई अहम बातें कही थीं। इसके बाद साल 2008 में पहले कृषि रोड मैप को नीतीश सरकार ले कर आए थे। कृषि रोड मैप के जरिए बिहार में खेती-किसानी में अभूतपूर्व गति से विकास हुआ है।
‘चौथे कृषि रोड मैप की खासियत पर डालते हैं एक नजर’
बिहार का चौथा कृषि रोड मैप लॉन्च कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बापू सभागार में इस योजना को लॉन्च किया था। यह रोड मैप वर्ष 2023 से 2028 तक के लिए लागू किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार का चौथा कृषि रोड मैप किस कदर सबसे लाभकारी सिद्ध होगा। नीतीश कुमार ने बताया कि इस रोड मैप के तहत काम अगर अच्छे से होता है तो किसानों की आमदनी और बढ़ेगी। सीएम ने कहा कि चौथे रोड मैप को अच्छे से बनाया गया और इसमें सभी बातों का ध्यान रखा गया है।इस रोड मैप से उत्पादन और उत्पादकता बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ेगी। बिहार में धान, गेहूं और मक्का की उत्पादकता लगभग दोगुनी हुई है और ये पिछले तीन कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन की वजह से हुआ है। बिहार मशरूम, शहद, मखाना और मछली उत्पादन में आगे आया है। चौथा कृषि रोड मैप इसे और आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। आगामी पांच वर्षों में फसलों के विविधीकरण, बेहतर सिंचाई सुविधा, भूमि और जल संरक्षण, जलवायु अनुकूल कृषि, जैसे विषयों पर बल दिया जाएगा।
‘कृषि रोडमैप बनाकर विकास कर रहा बिहार’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में कृषि रोडमैप बनाकर किसानों का आर्थिक विकास कर रहे हैं।सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि वर्ष 2011-12 में नालंदा के एक किसान ने धान के उत्पादन में प्रति हेक्टेयर की उपज में कीर्तिमान बनाकर चीन तक को पीछे छोड़ दिया था। आलू के उत्पादन में भी नालंदा के एक गांव ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।नीतीश कुमार ने बताया कि 2012 से 2017 के बीच दूसरे रोडमैप में कई अहम काम हुए और इसमें फल, दूध, सब्जी, अंडा और मछली का उत्पादन बढ़ा। तीसरे रोडमैप का कार्यकाल 2017 से 2022 तक था लेकिन इसमें एक साल की बढ़ोतरी की गई थी। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पांचवें कृषि रोड मैप की अब जरूरत नहीं पड़ेगी।
नीतीश सरकार के चौथे कृषि रोड मैप की क्या है खासियत?
- दलहनी और तेलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। पेस्टीसाइड का कम से कम इस्तेमाल होगा और सेहतमंद अनाज उगाने पर जोर दिया जाएगा।
- मिट्टी और जल के संरक्षण पर रिसर्च के लिए गया में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। मौसम के अनुकूल खेती के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
- तालाब और चेकडेम बनाने का टारगेट रखा गया है ताकि हर खेत तक पानी पहुंच सके।
- बंजर भूमि को भी उपयोग में लाया जाएगा। इसमें लेमन ग्रास और मेंथा की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- 100 सीड हब और 20 मिलेट हब बनाया जाएाग।
- मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन बनाकर कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- पुआल प्रबंधन और कृषि उत्पाद को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए सेकेंडरी एग्रीकल्चर कॉलेज खुलेंगे।
- भागलपुर के सबौर में सेकेंडरी एग्रीकल्चर कॉलेज खुलेगा। यहां पीजी स्तर की पढ़ाई मिलेगी और एमटेक की डिग्री दी जाएगी।
- पौधा संरक्षण केंद्रों का परिचालन होगा, जो पीपीपी मोड में रहेगा। इस क्षेत्र में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
- 4.80 लाख पंप सेट को फ्री बिजली कनेक्शन मिलेगा।
- कृषि फीडर में 31078 ट्रांसफार्मर का वितरण किया जाएगा।
- बिहार सभी 54 बाजार समितियां और ग्रामीण हाट आधुनिक बनाए जाएंगे।
- कृषि विपणन निदेशालय की स्थापना होगी। *534 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट संचालित होंगे।
- बिहार सरकार राज्य में 101 पशु अस्पताल खोलेगी। *गोपालगंज में नया डेयरी संयंत्र खुलेगा।
‘बिहार में कृषि रोडमैप का इतिहास’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कृषि रोड मैप के लिए पूरे देश में चर्चा के केंद्र में रहे हैं। बिहार सरकार ने रोड मैप बनाकर कृषि के क्षेत्र में उन्नति हासिल की है। साल 2008 में पहले कृषि रोड मैप को लाया गया था। दूसरे रोड मैप की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की थी। साल 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीसरे कृषि रोड मैप की शुरुआत की थी। पहले रोड मैप में किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को रखा गया था। हर भारतीय की थाली में ‘बिहारी व्यंजन’ परोसने की तैयारी पर काम हुआ। बीज उत्पादन के साथ ही किसानों की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया गया। चावल के उत्पादन में बिहार बेहद सफल रहा था। दूसरे कृषि रोडमैप में बिहार काफी सफल रहा था। केंद्र सरकार ने बिहार को कृषि कर्मण अवार्ड से भी सम्मानित किया। तीसरे कृषि रोड मैप में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ाने पर जोर दिया गया। अब चौथे कृषि रोड मैप के जरिए खेती को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।