Edited By Swati Sharma, Updated: 13 Aug, 2025 05:06 PM
Makhdumpur Assembly Seat: मखदुमपुर विधानसभा सीट जहानाबाद लोकसभा के तहत आता है....1951 में ही मखदुमपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आया था। वर्तमान में मखदुमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 1951 में मखदुमपुर सीट से निर्दलीय कैंडिडेट रामेश्वर...
Makhdumpur Assembly Seat: मखदुमपुर विधानसभा सीट जहानाबाद लोकसभा के तहत आता है....1951 में ही मखदुमपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आया था। वर्तमान में मखदुमपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 1951 में मखदुमपुर सीट से निर्दलीय कैंडिडेट रामेश्वर यादव ने जीत हासिल की थी। वहीं 1957 में भी इस सीट पर कांग्रेस की टिकट पर मिथिलेश्वर सिंह ने जनता का भरोसा हासिल किया था। 1962 में कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट सुखदेव प्रसाद वर्मा ने मखदुमपुर सीट पर जनता का भरोसा जीत लिया था। 1967 में मखदुमपुर सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट एल राम को कामयाबी मिली थी। वहीं कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट महावीर चौधरी 1969 में विरोधियों को मात देने में सफल रहे थे। 1972 में कांग्रेसी उम्मीदवार रामस्वरूप राम ने मखदुमपुर सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं 1977 में यहां से हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर रामजतन सिन्हा ने जनता का समर्थन हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी।
वहीं 1980 के चुनाव में मखदुमपुर सीट से कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट रामाश्रय प्रसाद सिंह विरोधियों को मात देने में सफल रहे थे। 1985 और 1990 में कांग्रेस की टिकट पर रामजतन सिन्हा ने मखदुमपुर सीट पर वर्चस्व कायम रखा था, लेकिन 1995 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के कैंडिडेट बागी कुमार वर्मा ने कांग्रेस से मखदुमपुर सीट छीन लिया। 1995 में भी बागी कुमार वर्मा ने यहां से जीत का सिलसिला बरकरार रखा लेकिन इस बार वर्मा ने आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़ा था। वहीं 2005 के चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट कृष्णानंद प्रसाद वर्मा ने यहां पर जनता का समर्थन हासिल किया था। 2010 में इस सीट से जेडीयू की टिकट पर जीतन राम मांझी ने जीत हासिल की थी। 2015 में मखदुमपुर सीट पर हुए चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट सूबेदार दास ने विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। 2020 में आरजेडी के सतीश कुमार ने सभी विरोधियों को शिकस्त दे दिया था।
Makhdumpur Assembly Seat Result 2020।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं, 2020 के चुनाव में मखदुमपुर सीट पर आरजेडी के सतीश कुमार ने जीत हासिल की थी। सतीश कुमार को 71 हजार पांच सौ 71 वोट मिला था, जबकि हम के देवेंद्र कुमार 49 हजार छह वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से सतीश कुमार ने देवेंद्र कुमार को 22 हजार पांच सौ 65 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं बीएसपी के व्यास मुनि दास 5 हजार 25 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Makhdumpur Assembly Seat Result 2015।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में मखदुमपुर सीट से आरजेडी की टिकट पर सूबेदार दास ने जीत हासिल की थी। सूबेदार दास को 66 हजार छह सौ 31 वोट मिला था। वहीं हम के सुप्रीमो जीतन राम मांझी को 39 हजार आठ सौ 54 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से सूबेदार दास ने जीतन राम मांझी को 26 हजार सात सौ 77 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं भाकपा माले के कैंडिडेट धनंजय किशोर, 4 हजार सात सौ पांच वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Makhdumpur Assembly Seat Result 2010।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में मखदुमपुर सीट पर जेडीयू की टिकट पर जीतन राम मांझी ने जीत हासिल की थी। जीतन राम मांझी को 38 हजार चार सौ 63 वोट मिला था, जबकि आरजेडी कैंडिडेट धर्मराज पासवान ने 33 हजार तीन सौ 78 वोट हासिल किया था। इस तरह से जीतन राम मांझी ने धर्मराज पासवान को 5 हजार 85 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं कांग्रेसी कैंडिडेट शंकर स्वरूप, 4 हजार छह सौ 25 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Makhdumpur Assembly Seat Result 2005।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में मखदुमपुर सीट पर आरजेडी कैंडिडेट कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने जीत हासिल की थी। कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को 32 हजार दो सौ 52 वोट मिला था.....जबकि जेडीयू कैंडिडेट रामाश्रय प्रसाद सिंह को 23 हजार छह सौ 28 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने रामाश्रय प्रसाद सिंह को 8 हजार छह सौ 24 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट रामजतन सिन्हा, 14 हजार चार सौ 22 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

2024 के लोकसभा चुनाव में मखदुमपुर विधानसभा सीट पर आरजेडी ने जेडीयू पर 27 हजार एक सौ 31 वोट की बड़ी लीड कायम कर ली थी। वैसे इस सीट पर भूमिहार,यादव और कोइरी वोटरों की अहम भूमिका है। अगर आरजेडी अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने में सफल रही तो इस बार भी यहां महागठबंधन को बढ़त मिल सकती है।