Edited By Ramanjot, Updated: 19 Feb, 2025 05:54 PM
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Bihar News: दरअसल, मढ़ौरा के जलालपुर निवासी मोतीउल हक और समसुन निशा की बेटी ताईबा को बचपन से ही पायलट बनने का सपना था, और इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने अपनी संपत्ति तक बेच दी थी। ताईबा ने हाल ही में डीडीसीए से आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किया...
Bihar News: अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। कुछ इसी तरह की मिसाल पेश की है बिहार के सारण जिले की रहने वाली ताईबा अफरोज ने, जो मढ़ौरा की पहली महिला पायलट बन गई हैं। ताईबा के इस सफलता से उनके परिवार और पूरे मढ़ौरा को गर्व है।
बचपन से ही था पायलट बनने का सपना
दरअसल, मढ़ौरा के जलालपुर निवासी मोतीउल हक और समसुन निशा की बेटी ताईबा को बचपन से ही पायलट बनने का सपना था, और इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता ने अपनी संपत्ति तक बेच दी थी। ताईबा ने हाल ही में डीडीसीए से आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किया है। अब वह सारण जिले की दूसरी और मढ़ौरा की पहली महिला पायलट बन गई हैं। ताईबा ने बताया कि उनके पायलट बनने के सफर में उनके पिता के दोस्त, मढ़ौरा के चंदना निवासी एयरफोर्स कर्मी अली हसन और चेन्नई के पूर्व डीजीपी अनुप जायसवाल ने उनका काफी मार्गदर्शन और समर्थन किया। अब ताईबा सारण जिले की दूसरी और मढ़ौरा की पहली महिला पायलट बन गई हैं।
पिता ने फीस चुकाने के लिए बेच दी थी जमीन
ताईबा ने बताया कि उनके पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन उन्होंने फ्लाइंग क्लब की फीस चुकाने के लिए मढ़ौरा के बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया और अपनी एक जमीन तक बेच दी। बताया जाता है कि ताईबा ने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद पायलट बनने का फैसला किया, जिसके बाद उन्होंने 2020 में भुवनेश्वर फ्लाइंग क्लब में दाखिला लिया, जहां उन्होंने 80 घंटे का फ्लाइंग अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद 2023 में चेन्नई के पूर्व डीजीपी अनुप जायसवाल की मदद से उन्होंने इंदौर फ्लाइंग क्लब में फिर से प्रशिक्षण से शुरू किया और वहां 120 घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद उन्हें डीडीसीए से लाइसेंस प्राप्त होने के बाद ताईबा अब एक कमर्शियल पायलट बन चुकी हैं।