पूर्णिया में अजीब मामला: एक ही बच्चे को लेकर दो दावेदार, पुलिस भी हैरान!

Edited By Ramanjot, Updated: 23 Feb, 2025 08:31 PM

two claimants for the same child police also surprised

बिहार के पूर्णिया जिले में परिवार परामर्श केंद्र (Family Counseling Center) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां एक महिला के साथ दो पुरुष पहुंचे, जिनमें एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम था।

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले में परिवार परामर्श केंद्र (Family Counseling Center) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां एक महिला के साथ दो पुरुष पहुंचे, जिनमें एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम था। दोनों ने महिला को अपनी पत्नी बताया, जिससे अधिकारी असमंजस में पड़ गए। काफी समझाने-बुझाने के बाद जब सख्ती दिखाई गई, तब महिला ने अपनी असली कहानी कबूल की।

पहले पति को धोखा देकर की दूसरी शादी

मामला पूर्णिया जिले के सरसी थाना क्षेत्र के चंपावती गांव से जुड़ा है। लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी को एक युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। जब पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया, तो उसने दावा किया कि वह युवती का कानूनी पति है। इसी दौरान एक और युवक थाने पहुंचा, जिसने कहा कि महिला पहले से उसकी पत्नी है और उसने शादी के दस्तावेज भी पेश किए।

पुलिस को जब मामला घरेलू विवाद का लगा तो इसे परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया गया। वहां जब दोनों युवकों के शादी से जुड़े दस्तावेज जांचे गए, तो बड़ा खुलासा हुआ। महिला की गोद में डेढ़ साल का बच्चा था, लेकिन दूसरी शादी महज तीन महीने पहले हुई थी। जब महिला से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने कबूल कर लिया कि उसने अपने पहले पति को धोखा देकर दूसरे समुदाय के युवक से शादी कर ली और इसके लिए धर्म परिवर्तन भी कर लिया था।

बिना तलाक दूसरी शादी अवैध, पॉक्सो एक्ट में फंसा मामला

परिवार परामर्श केंद्र की सदस्य बबीता चौधरी ने बताया कि हिंदू मैरिज एक्ट (Hindu Marriage Act) और मुस्लिम मैरिज एक्ट (Muslim Marriage Act) के तहत बिना तलाक लिए दूसरी शादी करना अवैध (Illegal Marriage) है।

मामले की जांच में यह भी सामने आया कि मुस्लिम युवक ने एक शपथपत्र (Affidavit) दिया था, जिसमें उसने छह साल पहले शादी करने का दावा किया था। लेकिन तब लड़की नाबालिग थी, जिससे उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला बन सकता है। वहीं, लड़की की पहले से शादी हो चुकी थी, इसलिए उसकी दूसरी शादी को अपहरण का मामला भी माना जा सकता है।

बच्चे को मिला पिता का हक, महिला की ‘घर वापसी’

परिवार परामर्श केंद्र में जब सुनवाई हुई, तो लड़की अपने दूसरे पति के साथ ही रहने की जिद पर अड़ी रही। वहीं, उसका पहला पति बार-बार उसे माफ कर अपनाने की बात कहता रहा। मामला तब और गंभीर हो गया जब पहले पति ने बच्चे के जन्म से जुड़े अस्पताल के दस्तावेज पेश कर दिए और बच्चे पर अपना दावा ठोक दिया। केंद्र ने सभी तथ्यों को देखते हुए बच्चे को पहले पति को सौंपने का फैसला सुनाया। यह सुनते ही महिला भावुक हो गई और माफी मांगते हुए पहले पति के पास लौटने की इच्छा जताई। अब परिवार उसकी ‘घर वापसी’ (Ghar Wapsi) की तैयारी कर रहा है और उसका शुद्धिकरण (Purification) कराने की योजना बनाई जा रही है।

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