फूलों की बागवानी से समृद्ध होंगे किसान, बिहार बनेगा पुष्प उत्पादन का नया केंद्र, 8 करोड़ रुपए स्वीकृत

Edited By Swati Sharma, Updated: 13 Dec, 2025 07:00 PM

8 crore approved for the implementation of  phool marigold development scheme

Bihar News: बिहार के कृषि मंत्री रामकृपाल यादव (Ramkripal Yadav) ने शनिवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत रबी मौसम में 'फूल (गेंदा) विकास योजना' के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये आठ करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

Bihar News: बिहार के कृषि मंत्री रामकृपाल यादव (Ramkripal Yadav) ने शनिवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत रबी मौसम में 'फूल (गेंदा) विकास योजना' के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये आठ करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

रामकृपाल यादव ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित किसान विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कृषि विविधीकरण और बागवानी आधारित कृषि को बढ़ावा देने के विजन के अनुरूप बिहार सरकार फूलों की खेती को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 के अंतर्गत रबी मौसम में 'फूल (गेंदा) विकास योजना' के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये आठ करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य रबी मौसम में गेंदा फूल की खेती का विस्तार कर राज्य में व्यावसायिक बागवानी को नई दिशा देना है। उन्होंने कहा कि गेंदा फूल की बाजार में निरंतर एवं व्यापक मांग को देखते हुए यह फसल किसानों के लिए कम लागत में अधिक आमदनी का सशक्त माध्यम बन सकती है। इससे किसानों की आय में स्थायी वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत किसानों को गेंदा फूल की खेती के लिए पौध अनुदानित दर पर उपलब्ध कराई जाएगी।

यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू होगी- Ramkripal Yadav
कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने बताया कि गेंदा उत्पादन के लिए प्रति हेक्टेयर 80 हजार रुपये की इकाई लागत निर्धारित की गई है, जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान, अर्थात 40 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू होगी, जिससे अधिक से अधिक किसान इस लाभकारी खेती से जुड़ सकेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये इच्छुक किसानों को डीबीटी पोटर्ल पर पंजीकरण कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा कि लाभुकों का चयन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा। अनुदान की राशि पुष्पण के उपरांत संबंधित प्रखंड उद्यान पदाधिकारी की अनुशंसा एवं जिला उद्यान पदाधिकारी की स्वीकृति के बाद किसानों के खाते में एकमुश्त भुगतान की जाएगी। उन्होंने बताया कि लाभुकों के चयन में सामाजिक समावेशन का विशेष ध्यान रखा गया है। 30 प्रतिशत महिला कृषकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। कृषि मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस योजना से न केवल फूलों की स्थानीय एवं क्षेत्रीय मांग की पूर्ति होगी, बल्कि किसानों की आय में प्रत्यक्ष और ठोस वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का लक्ष्य है कि राज्य फूल उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में उभरे और किसान आर्थिक रूप से सशक्त, आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनें। 

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