Edited By Ramanjot, Updated: 03 Jun, 2025 07:14 PM

राज्य में बाढ़ नियंत्रण को लेकर जल संसाधन विभाग सतर्कता के साथ काम कर रहा है। बाढ़ अवधि (01 जून से 31 अक्टूबर 2025) में आपदा से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है।
पटना:राज्य में बाढ़ नियंत्रण को लेकर जल संसाधन विभाग सतर्कता के साथ काम कर रहा है। बाढ़ अवधि (01 जून से 31 अक्टूबर 2025) में आपदा से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। इसी कड़ी में सचिवालय स्तर पर सिंचाई भवन में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष कार्य प्रारंभ कर चुका है, जो लगातार 24 घंटे दिनांक 31.10.2025 तक कार्य करेगा। आवश्यकता पड़ने पर इस अवधि को आपात स्थिति के अनुसार बढ़ाया जा सकेगा।
इसी क्रम में क्षेत्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी इस अवधि में संबंधित मुख्य अभियंता के अधीन उनके मुख्यालय में कार्य प्रारंभ कर देगा, जो बाढ़ संबंधी सभी सूचनाएँ समय पर केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष, पटना को प्रेषित करेगा। मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनिटरिंग), पटना का इस केंद्रीय नियंत्रण कक्ष पर प्रत्यक्ष नियंत्रण रहेगा। यह कक्ष अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण योजना एवं मॉनिटरिंग अंचल, पटना के प्रभार में कार्य करेगा।
बिहार राज्य की जनता इस नियंत्रण कक्ष से जुड़कर बाढ़ से संबंधित किसी भी आपदा, आकस्मिकता, तटबंध में सीपेज, पाइपिंग, कटाव, क्षरण या जानबूझकर की गई क्षति से जुड़ी सूचना या शिकायत सीधे दे सकती है। इसके लिए 24 घंटे सातों दिन कार्यरत टोल फ्री नंबर 1800-3456-145 तथा दूरभाष संख्याएँ 0612-2206669 एवं 0612-2215850 उपलब्ध हैं। इन नंबरों पर प्राप्त शिकायतों और सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही, जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ गश्ती को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बाढ़ मौसम में तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं संवेदनशील स्थलों पर चौकसी के लिए गश्ती की सुदृढ़ व्यवस्था आवश्यक है। मुख्य अभियंता द्वारा निर्गत बाढ़ गश्ती नियमावली के अनुरूप सभी पदाधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में तटबंधों का गहन निरीक्षण करेंगे। इससे तटबंधों में सीपेज, पाइपिंग, कटाव आदि की स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा।
इसके साथ ही बाढ़ नियंत्रण को लेकर टीम बिल्डिंग का काम भी किया जा रहा है। बाढ़ में संलग्न अभियंताओं, कर्मियों, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्वयंसेवकों एवं संवेदकों को सुरक्षित रह कर प्रभावी ढ़ंग से तटबंधों को बचाने की कार्रवाई करनी होती है। इसके लिए उपरोक्त सभी के साथ स्थानीय पुलिस, प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि सहित अन्य स्थानीय प्रशासन एवं तटबंध श्रमिकों के साथ टीम बिल्डिंग करायी जाएगी ताकि तटबंध किसी हाल में सुरक्षित रह सकें। टीम बिल्डिंग के लिए यह आवश्यक होगा कि प्रखंडवार उपरोक्त सभी की मासिक बैठक जून से लेकर अक्टूबर तक की जाय ताकि तटबंधों की स्थिति की समीक्षा के साथ-साथ आपस में सभी को प्रभावकारी समन्वय हो सकें। जो आकस्मिक परिस्थितियों में निपटने में अत्यंत प्रभावी होगा।
जल संसाधन विभाग की प्राथमिकता है कि किसी भी आपदा को टालने अथवा उसमें वृद्धि रोकने के लिए समय पर एहतियाती कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि संभावित खतरों को रोका जा सके और जन-धन की हानि से बचा जा सके।