Edited By Ramanjot, Updated: 01 Jun, 2025 08:10 PM

बाढ़ के संभावित प्रभावों से तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है तथा तैयारियों को गति दी जा रही है।
पटना:बाढ़ के संभावित प्रभावों से तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है तथा तैयारियों को गति दी जा रही है। विभाग द्वारा तटबंधों पर जियो-ट्यूब की सहायता से स्टड निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिससे तटबंधों की मजबूती और टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके।
जियो-ट्यूब एक विशेष प्रकार की भू-प्रौद्योगिकीय सामग्री (जियो टेक्सटाइल) से निर्मित होती है। इसमें नदी तल से निकाली गई सिल्ट भरी जाती है। इस कार्य के लिए कीचड़ पंप (मड पंप) का उपयोग किया जाता है, जिसके नीचे लगे कटर नदी की तलहटी की रिवर बेड मैटेरियल को काटकर उसे जियो-ट्यूब में भरते हैं। इस प्रक्रिया से जियो-ट्यूब भरने के साथ-साथ नदी की तलहटी की सफाई (गाद निकालने) का कार्य भी स्वतः हो जाता है।
जियो-ट्यूब पूर्ण लंबाई में एकीकृत रूप से कार्य करता है, जिससे वह एक ठोस संरचना की तरह व्यवहार करता है। बाढ़ या जल प्रवाह के समय जब यह जमीनी सतह पर बिछाया जाता है, तो इसकी सतह समतल रहने के कारण यह आसानी से स्थापित हो जाता है और तटबंध की सुरक्षा में सहायक सिद्ध होता है।
इसमें भरी गई रिवर बेड मैटेरियल का भार काफी अधिक हो जाता है, जिसके कारण सामान्य परिस्थितियों में इसके खिसकने या बह जाने की संभावना अत्यंत कम होती है। यह विधि पारंपरिक निर्माण विधियों की तुलना में अधिक टिकाऊ और प्रभावकारी मानी जा रही है।
जल संसाधन विभाग का यह प्रयास तटबंधों को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल बाढ़ से सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि दीर्घकालिक आधार पर नदी तट क्षेत्रों की संरचनात्मक स्थिरता भी बनी रहेगी।