बाढ़ नियंत्रण में ईमानदारी पर सहयोग, लापरवाही पर कार्रवाई: मंत्री विजय चौधरी का स्पष्ट संदेश

Edited By Ramanjot, Updated: 29 May, 2025 06:08 PM

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जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित "बाढ़ संघर्षात्मक कार्य एवं पूर्ववर्ती अनुभवों से सीख" विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं पटना प्रक्षेत्र के अभियंताओं को प्रशिक्षित किया गया।

पटना:जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित "बाढ़ संघर्षात्मक कार्य एवं पूर्ववर्ती अनुभवों से सीख" विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं पटना प्रक्षेत्र के अभियंताओं को प्रशिक्षित किया गया। 

इस अवसर पर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गोपालगंज के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण) एवं उनकी टीम को क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया।

इस दौरान मंत्री चौधरी ने कहा कि यह कार्यक्रम विशेष उद्देश्य के साथ आयोजित किया गया है। यह प्रशिक्षण अनुभवी अधिकारियों से सीखने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि जल एक अमूल्य प्राकृतिक संसाधन है और बिहार इसकी प्रचुरता के बावजूद भौगोलिक कारणों से अक्सर बाढ़ की विभीषिका झेलता है। नेपाल व सीमावर्ती राज्यों की नदियाँ जब उफान पर होती हैं, तो बिहार सबसे अधिक प्रभावित होता है।

उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटना चुनौतीपूर्ण अवश्य है, लेकिन योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें तो यह कार्य सुगम हो सकता है। अभियंताओं से अपील की गई कि वे एसओपी का गंभीरता से अध्ययन करें और अपने-अपने क्षेत्रों में तटबंधों का विस्तृत निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान स्थानीय जनता और स्थानीय प्रबुद्ध व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करना आवश्यक है, जिससे आपदा के समय सामुदायिक सहयोग से बेहतर परिणाम प्राप्त हो। 

मंत्री चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो अधिकारी बाढ़ नियंत्रण में ईमानदारी से कार्य करेंगे, उन्हें विभाग पूरा सहयोग देगा, लेकिन लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि जून से अक्टूबर तक का समय विभाग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में कोसी नदी का जलस्तर अचानक बहुत बढ़ गया था, ऐसे अनुभवों से सीखकर इस बार पूर्व तैयारी पूरी रखनी होगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो और सभी कार्य समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण हों। तटबंधों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष बाढ़ नियंत्रण के लिए "टीम बिल्डिंग" की नई अवधारणा शुरू की गई है ताकि सभी स्तर पर बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने अपेक्षा जताई कि इस प्रशिक्षण से जुड़े सभी अधिकारी बाढ़ से निपटने हेतु पूर्णतः तैयार रहें।

ज्ञान भवन में गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं पटना प्रक्षेत्र के अभियंताओं का प्रशिक्षण

प्रशिक्षण का उद्देश्य अभियंताओं को बाढ़ प्रबंधन के पूर्व अनुभवों एवं आधुनिक तकनीकों के आधार पर क्रियान्वयन, समन्वय एवं नेतृत्व क्षमता में दक्ष बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी एसओपी, गश्ती निर्देशिका, उपयोग में लाई जा रही सामग्रियों के लाभ एवं स्थल पर उनके समुचित प्रबंधन पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, बाढ़ पूर्व तैयारी, तटबंधों की देखभाल, नदी कटाव की रोकथाम तथा रैट होल्स, फॉक्स होल्स और साहिल होल्स से निपटने के उपायों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। तटबंधों की सुरक्षा हेतु टीम निर्माण, गैर-संरचनात्मक उपायों एवं विश्व बैंक द्वारा सुझाए गए अनुभवों को भी प्रशिक्षण में सम्मिलित किया गया।

बैठक के समापन पर अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) अवधेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर विभाग के अपर सचिव नवीन, पवन कुमार सिन्हा, अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) शरद कुमार, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) अवधेश कुमार, सलाहकार (नितिगत मामले) रविंद्र कुमार शंकर, वाल्मी शासी पर्षद के परामर्शी अध्यक्ष ईश्वर चंद्र ठाकुर, मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनिटरिंग)  ब्रजेश मोहन सहित गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं पटना बाढ़ प्रक्षेत्रों के मुख्य अभियंता एवं अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।

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