"अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए बनाएं स्थायी चेकपोस्ट", बिहार सरकार का जिलाधिकारियों को निर्देश

Edited By Ramanjot, Updated: 20 Nov, 2023 05:58 PM

bihar government s instructions to district magistrates

बिहार सरकार ने यह कदम कई जिलों से बालू माफिया द्वारा पुलिस कर्मियों और खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों पर हमले की खबरों के बाद उठाया है। अधिकारी ने कहा, "राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में...

पटना: बिहार सरकार ने अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारियों को संवेदनशील स्थानों पर स्थायी चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भोजपुर, जमुई, नवादा, रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जिलों में इस तरह के निगरानी बुनियादी ढांचे की स्थापना की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। 

पटना में बनाए जाएंगे चार स्थायी चेकपोस्ट 
बिहार सरकार ने यह कदम कई जिलों से बालू माफिया द्वारा पुलिस कर्मियों और खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों पर हमले की खबरों के बाद उठाया है। अधिकारी ने कहा, "राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में जिलाधिकारियों को चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिए गए थे।" बैठक के ब्योरे के अनुसार, पटना में चार स्थायी चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। बैठक के विवरण में कहा गया है, "जिलाधिकारियों को बांका, सारण, कैमूर, गया और पटना जिलों में जल्द से जल्द स्थानों की पहचान करने और चेकपोस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है। राज्य में लगभग 267 बालू घाट हैं जहां जल्द ही खनन गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।" बालू माफियाओं द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाएं मुख्य रूप से पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, सारण और वैशाली जिलों से सामने आई हैं। 

विभाग के लिए विकसित किया गया ऑनलाइन उपकरण
हाल में, जमुई जिले में अवैध रूप से खनन की गई बालू ले जा रहे एक ट्रैक्टर ने बिहार पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर को कुचल दिया जिससे उनकी मौत हो गई। घटना में एक होम गार्ड भी घायल हो गया था। अप्रैल में पटना के पास बिहटा में अवैध खनन के खिलाफ अभियान के दौरान बदमाशों ने दो महिला निरीक्षकों समेत तीन खनन अधिकारियों पर हमला कर दिया था। बिहार के रोहतास, भोजपुर और औरंगाबाद जिलों और झारखंड के निकटवर्ती गढ़वा और पलामू जिलों में सोन नदी के बालू घाट अच्छी गुणवत्ता वाले बालू के लिए जाने जाते हैं। विभाग के लिए एक ऑनलाइन उपकरण विकसित किया गया है, जो संपूर्ण बालू खदान गतिविधि पर नजर रखता है। उसके जरिए राज्य के डिपो और अन्य निर्दिष्ट गंतव्यों तक बालू ले जाने वाले ट्रकों पर नजर रखा जाता है। "खानसॉफ्ट" को बिहार खान एवं भूतत्व विभाग के लिए एनआईसी द्वारा विकसित किया गया है। बिहार में बालू खनन से राजस्व संग्रह पिछले वित्त वर्ष में 1384.46 करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो उसके पिछले वित्त वर्ष से 53.84 प्रतिशत अधिक है। 

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