Edited By Ramanjot, Updated: 18 Apr, 2025 10:25 PM
विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के नियंत्रणाधीन बिहार विरासत विकास समिति के द्वारा बिहार संग्रहालय में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये।
पटना: विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के नियंत्रणाधीन बिहार विरासत विकास समिति के द्वारा बिहार संग्रहालय में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय विभागीय मंत्री मोती लाल प्रसाद तथा मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन ने किया। इस अवसर के विशिष्ट अतिथि अंजनी कुमार सिंह, महानिदेशक, बिहार संग्रहालय, पटना रहें। प्रणव कुमार, भा.प्र.से., सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार विरासत विकास समिति ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अतिथियों का स्वागत रचना पाटिल, भ्रा.प्र.से., कार्यपालक निदेशक, बिहार विरासत विकास समिति ने किया। इस अवसर पर विशेष व्याख्यान हेतु डॉ० राकेश तिवारी, पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली, प्रो० जयदेव मिश्र, पूर्व विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, पटना विश्वविद्यालय को डॉ० संजीव कुमार सिंह, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या रहें। डॉ० राकेश तिवारी, पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली का "FLIGHT OF DREAMS: ON THE ANCIENT ROUTES OF CONVERGENCE" विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत
किया।
प्रो० जयदेव मिश्र, पूर्व विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, पटना विश्वविद्यालय ने "PROBLEMS AND PROSPECTS OF ANTIQUITIES IN BIHAR विषय पर व्याख्यान दिया।
डॉ० संजीव कुमार सिंह, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या का "RIVERINE HERITAGE OF ANGA DESH" विषय पर व्याख्यान हुआ। इस अवसर तेल्हाड़ा का उत्खनन प्रतिवेदन का विमोचन माननीय अतिथियों के द्वारा किया गया। पुस्तक का नाम SRI PRATHAMASIVAPURA MAHAVIHARA: Excavating and Early Medieval Buddhist Monastery at Telhara in Magadh (Eastern India) 2020-2022 है।
पुस्तक के लेखक डॉ० विजय कुमार चौधरी, पूर्व कार्यपालक निदेशक, डॉ० अमिति रंजन, शोध सहायक, बिहार विरासत विकास समिति, डॉ० ओईशी. डॉ० अरूण कुमार हैं। प्रतिवेदन का प्रकाशन प्रणव कुमार, भा.प्र.से. सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मार्गदर्शन एवं रचना पाटिल, भा.प्र.से. कार्यपालक निदेशक, बिहार विरासत विकास समिति के निर्देशन में किया गया है। सचिव महोदय ने पुरास्थलों के उत्खनन एवं बिहार सरकार के द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। एवं विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर श्रोताओं को विरासत को सहेजने हेतु आगे आने का अनुरोध किया।
मंत्री ने इस अवसर पर होने वाले आयोजनो को और व्यापक रूप से करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर चित्रकारी प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, लोगो डिजाइनिंग प्रतियोगिता एवं अन्य सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित किये गये। निबंध प्रतियोगिता और लोगो डिजाइनिंग प्रतियोगिता को अखवार में विज्ञापित कर ई-मेल पर निबंध एवं लोगो मंगाया गया। माननीय विभागीय मंत्री / प्रणव कुमार, भा.प्र.से.. सचिव / रचना पाटिल, भ्रा. प्र.से., कार्यपालक निदेशक, बिहार विरासत विकास समिति, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं विशिष्ट अतिथियों का मंच पर आगमन। इस अवसर पर समिति के उप-कार्यपालक निदेशक अरविन्द कुमार तिवारी, डॉ० सुनिल कुमार झा, एवं डॉ० रणवीर सिंह राजपुत, उप निदेशक, बिहार संग्रहालय, सुश्री कहकशा, विशेष कार्य पदाधिकारी, डॉ० विमल तिवारी, अपर निदेशक, संग्रहालय, डॉ० विनय कुमार, क्षेत्रीय उप-निदेशक संग्रहालय, डॉ० अमित रंजन, शोध सहायक, बिहार विरासत विकास समिति, डॉ० उमेश चन्द्र द्विवेदी, पूर्व निदेशक, संग्रहालय, डॉ० हर्ष रंजन कुमार, वरीय तकनीकी सहायक, पुरातत्व निदेशालय डॉ० नितू तिवारी, डॉ० अविनाश कुमार एवं अन्य गणमान्य अतिथि तथा कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के पदाधिकारी कर्मचारी तथा समिति के कर्मचारी उपस्थित रहें। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अरविन्द कुमार तिवारी, उपकार्यपालक निदेशक द्वारा किया गया।