अगले पांच साल में ऊर्जा उत्‍पादक राज्‍य बनेगा बिहार! सरकार ने तैयार कर लिया है प्‍लान

Edited By Ramanjot, Updated: 04 Aug, 2025 05:19 PM

bihar renewable energy policy 2025

आने वाले पांच सालों में बिहार की तस्वीर बदलने वाली है। बिहार जल्‍द की ऊर्जा उपभोक्ता से ऊर्जा उत्‍पादक राज्‍यों की श्रेणी में शामिल होगा।

पटना:आने वाले पांच सालों में बिहार की तस्वीर बदलने वाली है। बिहार जल्‍द की ऊर्जा उपभोक्ता से ऊर्जा उत्‍पादक राज्‍यों की श्रेणी में शामिल होगा। यहां बिजली सिर्फ कोयले या डीजल से नहीं, बल्कि सूरज की किरणों, हवाओं के झोंकों और खेतों की हरियाली से बनेगी। जी हां, यही बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का अगला मास्‍टर प्‍लान है। ताकि बिहार को अगले पांच साल ऊर्जा उत्‍पादक राज्‍य बना दिया जाए। बिहार सरकार ने 2029-30 तक 23,968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

6100 मेगावाट बिजली होगी संरक्षित

 इतना ही नहीं, बिहार सरकार की ओर से 6,100 मेगावाट घंटे बिजली को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने की भी तैयारी है। इससे न सिर्फ राज्य को सस्ती और साफ ऊर्जा मिलेगी, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार और निवेश के अवसर भी मिलेंगे। यह कदम देश के 2070 तक कार्बन मुक्त (Net Zero) बनने के लक्ष्य की ओर बिहार का बड़ा योगदान होगा।

अगले पांच में सूरज, हवा और कचरे से बनेगी बिजली

बिहार सरकार की नई नीति के तहत अगले पांच साल में बिजली उत्‍पादन के नए स्रोत होंगे। इनमें सूरज, हवा, जल, और कचरे को शामिल किया गया है। ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जमीन पर लगे सोलर प्लांट से 18,448 मेगावाट उत्‍पादित की जाएगी। सौर पार्क, फ्लोटिंग सोलर और एग्री-सोलर लगाए जाएंगे। जिससे 1,795 मेगावाट बिजली की जरूरत को पूरा किया जाएगा। वहीं, छतों पर सोलर पैनल लगाकर 500 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। बायोमास, कचरे से बिजली, वायु ऊर्जा और छोटे जल विद्युत परियोजनाएं शुरूकर 1,565 मेगावाट बिजली उत्‍पादित की जा सकेगी। इसके अलावा, ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड सोल्यूशन से 2,315 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी। 

सरकार ने किया MOU साइन, युवाओं को मिलेगा काम

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में बिहार सरकार ने इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठा दिया है। बिहार में निवेश के लिए चार बड़ी कंपनियों एलएंडटी, एनटीपीसी, अवाडा ग्रुप और एसईसीआई के साथ 5,337 करोड़ रुपये का एमओयू साइन कर दिया गया है। इस एमओयू से बिहार को 2,357 मेगावाट अक्षय ऊर्जा तैयार करने का रास्‍ता साफ हो गया है। ऊर्जा मंत्री विजयेंद्र यादव ने कहा, "नई नीति से बिहार सिर्फ बिजली में आत्मनिर्भर नहीं होगा, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे देश को दिशा दिखाएगा।"

गांव-गांव पहुंचेगी सस्‍ती बिजली

बिहार सरकार की ओर से जो योजना बनाई गई है, उसके अनुसार बिजली की उपलब्धता बढ़ाकर दरों में कमी लाई जाएगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दर शहरी क्षेत्रों से बहुत कम होंगे। सरकार की ओर से जो प्‍लान गया है, उससे किसानों को खेती के लिए सस्ती बिजली सौर ऊर्जा से मिलेगी। इससे गांवों में लघु उद्योगों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। 

निवेशकों के लिए छूट

अगले पांच साल बिहार को बिजली के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं तैयार की गई हैं। सरकार की कोशिश निवेशकों को कई सुविधाएं देने की है। इसके लिए सरकार की ओर से औद्योगिक भूमि पर 100 फीसद स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस को माफ कर दिया है। लैंड यूज बदले बिना काम शुरू करने की छूट दे दी है। बिजली ट्रांसमिशन और वितरण पर छूट दिया गया है। ग्रीन टैरिफ, ऊर्जा बैंकिंग और सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा भी दी जा रही है। कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त कमाई का मौका

आम लोगों के लिए खास क्‍या?

  • छत पर सोलर पैनल लगाकर घरेलू बिजली बिल में कटौती
  • गांवों में बिना जनरेटर बिजली की सुविधा
  • युवाओं के लिए रोजगार और ट्रेनिंग
  • किसान को खेत के पास सिंचाई के लिए मुफ्त/ सस्ती बिजली
  • स्कूल, पंचायत भवन और अस्पतालों में सौर ऊर्जा से सुविधाएं होंगी बेहतर


एक नजर में – क्या है योजना का लक्ष्य? 
 

लक्ष्य      मात्रा
कुल अक्षय ऊर्जा उत्पादन 23,968 मेगावाट
सोलर ऊर्जा (जमीन पर)    18,448 मेगावाट
छतों पर सोलर पैनल 500 मेगावाट
ऊर्जा भंडारण     6,100 मेगावाट घंटा
निवेश  ₹5,337 करोड़ (प्रारंभिक)

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!