गांवों में उजाले की नई क्रांति: बिहार की सोलर स्ट्रीट लाइट योजना ने बदली तस्वीर

Edited By Ramanjot, Updated: 11 Jun, 2025 06:40 PM

bihar solar street light yojana

बिहार सरकार के सुशासन कार्यक्रमों के अंतर्गत स्वच्छ गांव, समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना एक बेहतरीन कदम साबित हो रही है।

पटना: बिहार सरकार के सुशासन कार्यक्रमों के अंतर्गत स्वच्छ गांव, समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना एक बेहतरीन कदम साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य न केवल गांवों को रौशन करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आधुनिक तकनीक के माध्यम से एक स्वच्छ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर ग्रामीण परिवेश का निर्माण भी करना है।

अब तक इस योजना के तहत राज्य भर में छह लाख से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइटों की स्थापना की जा चुकी है। यह आंकड़ा न केवल योजना की सफलता को दर्शाता है, बल्कि ग्रामीण विकास की नई परिभाषा भी गढ़ता है। 

तकनीक से निगरानी

इस योजना की विशेषताओं में ब्रेडा (BREDA) के माध्यम से विभाग  द्वारा विकसित केंद्रीकृत मॉनिटरिंग सिस्टम एक क्रांतिकारी पहल है। यह प्रणाली खराब लाइटों की तत्काल पहचान और रखरखाव की सुविधा प्रदान करती है। इससे योजना की निगरानी न केवल अधिक प्रभावशाली हुई है, बल्कि कार्यदक्षता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद से संबंधित एजेंसी को लाइट खराब होने की सूचना तत्काल मिलती है, और उसे 72 घंटे के भीतर मरम्मत का कार्य पूरा करना अनिवार्य होता है। अगर एजेंसी तय समय सीमा के भीतर खराब लाइट को दुरुस्त नहीं करती है, तो उस पर प्रति दिन प्रति लाइट 10 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। 

लापरवाह एजेंसियों पर सख्ती

हालांकि योजना के तीसरे चरण (फेज-3) में कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। राज्य सरकार ने 17 एजेंसियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है, जिन्होंने समयसीमा का पालन नहीं किया और अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया।

पंचायती राज विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, किसी भी एजेंसी को कार्यादेश प्राप्त होने के 90 दिनों के भीतर सोलर लाइट की स्थापना और संधारण कार्य पूरा करना होता है। परंतु हालिया समीक्षा में सामने आया कि इन एजेंसियों ने न केवल काम में देरी की, बल्कि कार्य प्रगति भी असंतोषजनक रही।

इस पर विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी 17 एजेंसियां सात दिनों के भीतर जिला पंचायत राज पदाधिकारी के समक्ष अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय भागीदारी से बढ़ेगी जवाबदेही

योजना को और अधिक जनउपयोगी बनाने के लिए हर दस हजार सोलर स्ट्रीट लाइट पर एक सर्विस स्टेशन की स्थापना की जाएगी, जिससे रखरखाव में आसानी हो सके। इसके अतिरिक्त, हर खंभे पर एजेंसी की ओर से एक विशेष व्हाट्सएप नंबर अंकित किया जाएगा। इस नंबर के माध्यम से स्थानीय नागरिक लाइट से संबंधित समस्या सीधे दर्ज करवा सकेंगे। इससे न केवल जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि एजेंसी की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।

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