Edited By Ramanjot, Updated: 10 Mar, 2025 01:06 PM

राजद के राज्य कार्यालय के समक्ष आयोजित धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि 17 महीने कि महागठबंधन सरकार ने 49.5 प्रतिशत से आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था। और इसे केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने का...
Bihar Politics: बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP)-नीतीश सरकार लगातार बिहार में 16 प्रतिशत आरक्षण की चोरी कर रही है, जिससे पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज के लगभग पच्चास हजार लोगों को नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है। भाजपा-नीतीश सरकार की आरक्षण चोरी के कारण पच्चास हजार के करीब लोगों को नौकरी से वंचित कर दिया गया।
"किसी भी कीमत पर आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे"
राजद के राज्य कार्यालय के समक्ष आयोजित धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि 17 महीने कि महागठबंधन सरकार ने 49.5 प्रतिशत से आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था। और इसे केन्द्र की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने का प्रस्ताव महागठबंधन सरकार ने भेजा था। भाजपा और केन्द्र सरकार ने 10 महीने तक इसे 9वीं अनुसूची मे नहीं डाला और बाद मे केस में मामले को फंसाकर 16 प्रतिशत आरक्षण से पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज को वंचित कर दिया गया। भाजपा-नीतीश सरकार की आरक्षण चोरी के कारण पच्चास हजार के करीब लोगों को नौकरी से वंचित कर दिया गया है। तेजस्वी ने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण के मामले मे सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय जनता दल इस मामले पर वकील के माध्यम से पैनी निगाह बनाए हुए है। साथ ही हम सड़क से लेकर सदन तक इस मामले को लड़ रहे है और किसी भी कीमत पर आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे। ये हमारा संकल्प और प्रण है।
"गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र देने का आईडीया हमारा था"
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र देने का आईडीया हमारा था और आज उसी पर नकल करके मुख्यमंत्री 51389 नियुक्ति पत्र दिए है। लेकिन इस नियुक्ति पत्र में 16 प्रतिशत के आरक्षण की हकमारी और चोरी हुई है। जिस कारण 8222 नौकरी से पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी के आरक्षण को डबल इंजन सरकार खा गई। ये इन वर्गो के साथ अन्याय है। हम किसी भी कीमत पर तमिलनाडु के तर्ज पर 65 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए संघर्ष और आन्दोलन सड़क से लेकर सदन तक जारी रखेंगे और 16 प्रतिशत आरक्षण से वंचित नहीं होने देंगे। महागठबंधन सरकार ने बिहार में जातीय गणना कराकर जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी तय की और बढ़ाकर 65 प्रतिशत आरक्षण दिया