बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर एक्शन मोड में मुख्य सचिव, लंबित मामलों की संख्या कम करने के दिए निर्देश

Edited By Ramanjot, Updated: 06 Sep, 2024 09:59 AM

chief secretary in action mode regarding law and order in bihar

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से छह महीने के भीतर जांच के लिए लंबित मामलों की संख्या को घटाकर एक लाख तक लाने को कहा। राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मुख्य सचिव ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर समीक्षा बैठक...

पटना: बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को राज्य में लंबित 2.67 लाख मामलों की तेजी से और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संदिग्धों के खिलाफ लंबित 86,000 गैर-जमानती वारंट को जल्द से जल्द निष्पादित करने का भी निर्देश दिया। 

मुख्य सचिव ने छह महीने का दिया टारगेट 
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से छह महीने के भीतर जांच के लिए लंबित मामलों की संख्या को घटाकर एक लाख तक लाने को कहा। राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मुख्य सचिव ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), आलोक राज और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को लंबित 2.67 लाख मामलों में त्वरित और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने और संदिग्धों के खिलाफ लंबित 86,000 गैर-जमानती वारंट को निष्पादित करने का निर्देश दिया। 

बयान में कहा गया है कि राज्य पुलिस में अब कुल 23,000 जांच अधिकारी हैं, इसलिए लंबित मामलों की जांच को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए और इसे छह महीने के भीतर एक लाख तक लाया जाना चाहिए। बैठक में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, सभी जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षकों और अन्य संबंधित अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। बैठक में सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने इस संबंध में अपनी कार्ययोजना के बारे में अवगत कराया।

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