बिहार में ठेकेदार सरकार की रडार पर, धराशायी हुए पुलों के पुनर्निर्माण की लागत का उठाएंगे जिम्मा

Edited By Nitika, Updated: 23 Jul, 2024 11:30 AM

contractors in bihar are on the government s radar

बिहार में बारिश और बाढ़ के कारण बीते एक महीने के भीतर दर्जनों पुल ढह गए, जिस कारण विपक्षी दलों ने सरकार की जमकर आलोचना की। अब नीतीश सरकार धराशायी हुए पुलों के निर्माण को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने पुलों के निर्माण को लेकर ठेकेदारों को रडार पर ले...

पटनाः बिहार में बारिश और बाढ़ के कारण बीते एक महीने के भीतर दर्जनों पुल ढह गए, जिस कारण विपक्षी दलों ने सरकार की जमकर आलोचना की। अब नीतीश सरकार धराशायी हुए पुलों के निर्माण को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने पुलों के निर्माण को लेकर ठेकेदारों को रडार पर ले लिया है।

ध्वस्त पुलों के निर्माण की लागत ठेकेदारों से वसूली जाएगी
पुलों के ढहने के मामले में नीतीश सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। बीती 3-4 जुलाई को सीवान और सारण में गंडकी और छाड़ी नदी पर बने छह पुल-पुलिया बह गई थी। इनका निर्माण कार्य शुरू हो गया है और पुलों के मरम्मत का खर्चा ठेकेदारों से वसूला जाएगा। इन पुलों पर 24 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा अगले आदेश तक इन ठेकेदारों को पुराने काम का भी कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। जब तक पुलों का पुनर्निर्माण नहीं हो जाता और उसकी रकम नहीं वसूल ली जाती, तब तक इन ठेकेदारों को अगले किसी कार्य करने की जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। इससे पहले भारी मात्रा मे धराशायी हुए पुलों को लेकर नीतीश सरकार ने 11 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था।

रेलवे की तरह पुलों के लिए बनेगा अलग विंग
नीतीश सरकार ने अब पुलों के रख-रखाव के लिए एक नई नीति लागू की है। इस नीति के तहत, पुलों का हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा और उनके रख-रखाव के लिए विशेष विभाग का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलों की नियमित जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है और रेलवे की तरह पुलों के लिए एक अलग विंग बनाने की बात की है।

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