बिहार की धरती से फिर उठा लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प, उपमुख्यमंत्रियों ने आपातकाल को बताया भारतीय इतिहास का कलंक

Edited By Ramanjot, Updated: 25 Jun, 2025 07:52 PM

samrat choudhary and vijay sinha on emergency

भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 की तारीख एक ऐसा काला अध्याय है, जिसे न भूला जा सकता है और न ही माफ किया जा सकता है।

पटना:भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 की तारीख एक ऐसा काला अध्याय है, जिसे न भूला जा सकता है और न ही माफ किया जा सकता है। इस दिन देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज बिहार समेत पूरे देश में 'संविधान हत्या दिवस 2025' के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

राजधानी पटना स्थित अधिवेशन भवन सभागार में बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्मित एक टेलीफिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसमें आपातकाल के दौरान हुई संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं की दमनात्मक स्थिति को दर्शाया गया।

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस दिन को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया। उन्होंने कहा, "25 जून 1975 एक ऐसी तारीख थी जिसने भारत के लोकतंत्र को झकझोर दिया था।" उन्होंने भावुक होते हुए जेपी आंदोलन का ज़िक्र किया, जहां आम नागरिकों को, विशेषकर युवा छात्रों को, बिना किसी सुनवाई के गिरफ्तार कर लिया गया।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "तानाशाही मानसिकता वाले एक परिवार ने अपनी सत्ता की रक्षा के लिए संविधान और लोकतंत्र की हत्या कर दी। लाखों लोगों को जेल में डाला गया, प्रेस पर सेंसरशिप थोप दी गई, अफसरों को मौन कर दिया गया और अनुच्छेद 21 को निलंबित कर दिया गया।"उन्होंने कहा कि विकास की गंगा बिहार में नीतीश कुमार ने बहाई है, जिन्होंने नरसंहार और जंगलराज पर लगाम लगाई।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आपातकाल को संविधान की निर्मम हत्या बताते हुए कहा कि यह घटना भारतीय लोकतंत्र पर कलंक है। उन्होंने कहा, "बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने जिस संविधान की रचना 26 नवंबर 1949 को की थी, उसकी हत्या ठीक साढ़े 25 साल के बाद 25 जून 1975 को कर दी गई।"

उन्होंने ऐतिहासिक दृष्टांतों के माध्यम से भारत की गौरवशाली विरासत की चर्चा की और बताया कि भारत ने दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया, लेकिन एक ही पार्टी की सत्ता के मोह ने उसे अपवित्र करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मेकिंग इंडिया का सपना पूरा हो रहा है जिसके तहत सोने का शेर बनाया जा रहा है जो पूरे विश्व में दहाड़ने का काम कर रहा है। सम्राट चौधरी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहें और एक सशक्त, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।

दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने इस बात पर बल दिया कि बिहार की धरती ही लोकतंत्र की जननी रही है। जेपी आंदोलन की चिंगारी यहीं से फूटी थी, जिससे संपूर्ण क्रांति का नारा गूंजा और आज भी वह चेतना जीवित है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "बिहार की धरती ने न सिर्फ भगवान राम को राजा राम से महान बनाया, बल्कि संपूर्ण क्रांति को भी दिशा दी।"

उन्होंने यह भी कहा कि "आज वही लोग सत्ता के लिए लोकतंत्र के स्तंभों को झुकाने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्होंने कभी लोकतंत्र को खंडित किया था।"

सम्राट चौधरी ने कहा कि आपातकाल का दौर युवाओं के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा कि "अगर आज का युवा सजग न हुआ तो लोकतंत्र फिर खतरे में पड़ सकता है। हमें अपने संविधान, अपनी संस्कृति और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।" उन्होंने यह भी बताया कि "आपातकाल के समय जब नीतीश कुमार जेल में थे, तब उन्होंने यह संकल्प लिया था कि बिहार में महिलाओं को 50% आरक्षण देंगे। आज वह सपना साकार हो चुका है।" कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की निदेशक रूबी ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया। 

इस अवसर पर विभाग के सचिव प्रणव कुमार, उप-सचिव अनिल कुमार सिन्हा और अन्य गणमान्य अधिकारी, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!