Edited By Harman, Updated: 02 Aug, 2025 04:16 PM

आयोग के बीएलओ का वार्षिक मानदेय अब छह हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया है। इसके अलावा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ को पहले एक हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, जिसे अब दोगुना कर दो हजार रुपये कर दिया गया है। बिहार में विशेष...
पटना: निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदान केंद्र पदाधिकारी (बीएलओ) और उनसे जुड़ी प्रक्रियाओं में कार्यरत कर्मियों के मानदेय में खासी बढ़ोतरी करने का निर्णय आज लिया है। आयोग के अनुसार, यह संशोधन लगभग एक दशक के बाद किया गया है। पिछली बार वर्ष 2015 में बीएलओ पारिश्रमिक को संशोधित किया गया था।
जानें मानदेय में कितनी हुई बढ़ोतरी
आयोग के इस फैसले के तहत बीएलओ का वार्षिक मानदेय अब छह हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया है। इसके अलावा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ को पहले एक हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, जिसे अब दोगुना कर दो हजार रुपये कर दिया गया है। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के लिये बीएलओ को छह हजार की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी। इसके साथ ही बीएलओ पर्यवेक्षकों के मानदेय में भी वृद्धि की गयी है। उनके मानदेय को 12 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपये कर दिया गया है। निर्वाचन आयोग ने पहली बार निर्वाचक रजिट्रीकरण अधिकारियों और सहायक निर्वाचक रजिट्रीकरण अधिकारियों को भी मानदेय प्रदान करने की घोषणा की है। इसके तहत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को 30 हजार रुपये और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को 25 हजार की राशि दी जायेगी।
निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय आयोग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि क्षेत्रीय स्तर पर काम करने वाले कर्मियों को उनकी मेहनत के अनुसार पर्याप्त मुआवजा मिले क्योंकि ये संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।