Edited By Harman, Updated: 17 Jun, 2025 08:51 AM

बिहार के मोतिहारी में पुलिस ने साइबर अपराधी गिरोह के पांच ठग को गिरफ्तार कर उनके पास से तीस लाख से अधिक भारतीय और नेपाली मुद्रा बरामद की है।
Motihari News: बिहार के मोतिहारी में पुलिस ने साइबर अपराधी गिरोह के पांच ठग को गिरफ्तार कर उनके पास से तीस लाख से अधिक भारतीय और नेपाली मुद्रा बरामद की है।
पांच सदस्य गिरफ्तार
पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि जिला पुलिस टीम ने मोतिहारी नगर, रगुनाथपुर, घोड़ासहन, रक्सौल और हरैया थाना क्षेत्रों में लगातार तीन दिनों तक छापेमारी की, जिसमें पांच साइबर ठगों सुमित सौरभ (26) संजीव कुमार (24) पप्पु कुमार (24) सुनिल कुमार श्रीवास्तव (49) दिपांशु पाण्डेय (28) को गिरफ्तार करने में सफल रही। इन ठगों के पास से पुलिस ने नगद 29,29,680 रुपये भारतीय मुद्रा, 99,500 रुपये नेपाली मुद्रा, 24 मोबाइल, 7 लैपटॉप, दो देशी रिवाल्वर, 13 कारतूस, तीन रुपए गिनने वाली मशीन, 16 पासबुक, 49 एटीएम कारड, 37 चेक बुक, एसबीआई ढाका शाखा की एक फर्जी मुहर, 2 कीमती चार पहिया वाहन, मोटरसाइकिल और रुपये का लेखा जोखा अंकित डायरी बरामद किया है।
यूएसडीटी और क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि मोतिहारी में बॉस नाम से इस साइबर क्राइम गिरोह का संचालन किया जा रहा था। पुलिस टीम ने बेहतरीन कार्य किया है। टीम को 25 हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी गिरफ्तार एक संगठित साइबर ठग गिरोह के सदस्य है, जिसके कुछ सदस्य विभिन्न राज्यों से साइबर फ्रॉड के द्वारा अर्जित काले धन को मोतिहारी जिला में युवकों को कमीशन का लालच देकर उनके अकाउंट में फ्रॉड का पैसा मंगवाते थे। फिर बैंकों से कैश निकलवा कर विभिन्न माध्यमों से जैसे यूएसडीटी और क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट कर काले धन को सफेद करते थे। इस गिरोह का मास्टर मांइड रघुनाथपुर थाना क्षेत्र का निवासी सत्यम सौरभ है।
स्कूल की आड़ में चलता था साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट का धंधा
बताया जाता है कि साइबर ठगी का यह धंधा मोतिहारी नगर थाना क्षेत्र के व्यस्ततम मुहल्ला चांदमारी में एक स्कूल से संचालित किया जा रहा था। साइबर ठग गिरोह, लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का काम किया करता था। गुप्त सूचना पर साइबर थाना डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने एक टीम का गठन किया था। तकरीबन तीन महीने तक इसकी गहन जांच चली, जिसमें लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी से करोड़ो का ट्रांजेक्शन करने के सबूत मिले है।