Edited By Ramanjot, Updated: 13 Feb, 2025 10:36 AM
![government offices also turned out to be big defaulters](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_10_36_131148385electricitybill-ll.jpg)
अररिया जिले में बिजली बिलों का बकाया संकट गंभीर होता जा रहा है। बिजली की निर्बाध आपूर्ति सभी को चाहिए, लेकिन भुगतान को लेकर उपभोक्ताओं और सरकारी दफ्तरों की रुचि कम दिख रही है।
अररिया जिले में बिजली बिलों का बकाया संकट गंभीर होता जा रहा है। बिजली की निर्बाध आपूर्ति सभी को चाहिए, लेकिन भुगतान को लेकर उपभोक्ताओं और सरकारी दफ्तरों की रुचि कम दिख रही है। जिले में करीब 90,000 उपभोक्ताओं पर 135 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें से 5,000 से अधिक उपभोक्ताओं के नाम पर भारी राशि लंबित है।
सरकारी कार्यालय भी बने बकायेदार
बिजली बिल न चुकाने में सिर्फ आम उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि सरकारी कार्यालय भी पीछे नहीं हैं। जिले के विभिन्न सरकारी विभागों पर 7.27 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है। इनमें जिला शिक्षा कार्यालय, रजिस्ट्री ऑफिस, डीएम और एसपी कार्यालय समेत कई सरकारी संस्थान शामिल हैं।
बिजली विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, सरकारी विभागों के कुछ प्रमुख बकाया इस प्रकार हैं:
- डीएम कार्यालय: ₹3,49,760
- एसपी कार्यालय: ₹7,09,336
- डीडीसी कार्यालय: ₹24,47,019
- निर्वाचन पदाधिकारी: ₹1,73,481
- माध्यमिक शिक्षा विद्यालय: ₹3,42,466
नोटिस के बावजूद भुगतान नहीं, बिजली विभाग चिंतित
बिजली विभाग हर महीने बकायेदारों को नोटिस भेज रहा है, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया सुस्त बनी हुई है। खासतौर पर सरकारी कार्यालयों में कई विभाग ऐसे हैं, जो पिछले पांच वर्षों से कोई भुगतान नहीं कर रहे हैं। डीएम अनिल कुमार ने कहा कि वे सरकारी विभागों के बिजली बिल भुगतान को लेकर उचित कदम उठाएंगे और डीडीसी कार्यालय के लंबित भुगतान की स्वयं निगरानी करेंगे। बिजली विभाग ने भी इस समस्या को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या होगी कार्रवाई?
बिजली विभाग ने स्पष्ट किया है कि वे लगातार नोटिस भेज रहे हैं और जल्द ही बकायेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। आम उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन नियमित रूप से काटे जा रहे हैं, लेकिन सरकारी दफ्तरों को लेकर अभी तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है।अब देखना होगा कि प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है।