Edited By Ramanjot, Updated: 05 Aug, 2025 08:16 AM

शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके प्रसिद्ध शिक्षक और समाजसेवी खान सर अब स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।
पटना:शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके प्रसिद्ध शिक्षक और समाजसेवी खान सर अब स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। सावन के अंतिम सोमवार को उन्होंने ऐलान किया कि बिहार के हर जिले में जरूरतमंदों के लिए डायलिसिस सेंटर और ब्लड बैंक खोले जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य गरीबों को महंगे इलाज से राहत दिलाना है।
गरीबों को मिलेगा मुफ्त या कम कीमत पर डायलिसिस
खान सर ने जानकारी दी कि जर्मनी से डायलिसिस मशीनों का ऑर्डर दिया गया है, जो चरणबद्ध तरीके से राज्य के विभिन्न जिलों में लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा,"सावन का आखिरी सोमवार एक शुभ दिन है, इसलिए हमने आज से इसकी शुरुआत की है। हमारा लक्ष्य है कि किडनी रोग से जूझ रहे गरीबों को डायलिसिस की मुफ्त या बेहद सस्ती सुविधा मिले।"
डायलिसिस की प्रक्रिया काफी महंगी होती है। हर महीने इसका खर्च करीब 50 से 60 हजार रुपये तक पहुंच जाता है, जो गरीब परिवारों के लिए संभव नहीं होता। खान सर का मानना है कि इलाज के अभाव में कोई ज़िंदगी न खोए।
ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं होगी रक्त की किल्लत, जापान से मंगाई मशीनें
ब्लड बैंक की स्थापना को लेकर खान सर ने बताया कि इससे उन मरीजों को राहत मिलेगी जिन्हें इलाज के दौरान खून की कमी का सामना करना पड़ता है।
खान सर ने कहा "हमने देखा है कि बनारस, दिल्ली या पटना जैसे शहरों में इलाज कराने वाले ग्रामीण मरीजों को अक्सर रक्त न मिलने के कारण जान गंवानी पड़ती है। यही कारण है कि हम एक आधुनिक ब्लड बैंक की नींव रख रहे हैं, जिसकी मशीनें जापान से मंगाई जा रही हैं।"नवरात्रि के पहले दिन इसका उद्घाटन किया जाएगा। यह ब्लड बैंक पूरे एशिया के लिए एक मिसाल बनेगा।
'एक जान नहीं, एक परिवार बचाना है' – खान सर
खान सर ने कहा कि उनका ये प्रयास सिर्फ एक सामाजिक सेवा नहीं, बल्कि 'वसुधैव कुटुंबकम' के भारतीय सिद्धांत को समर्पित है। "जब हम एक व्यक्ति की जान बचाते हैं, तो असल में हम एक पूरे परिवार को टूटने से बचाते हैं। गरीबों के लिए डायलिसिस और ब्लड बैंक की सुविधा उनके जीवन में नई आशा लाएगी।"
उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में 10 डायलिसिस मशीनें आ चुकी हैं और भविष्य में 200 मशीनों का लक्ष्य है। उनकी योजना है कि इन सेंटरों को आगे चलकर अस्पतालों में तब्दील किया जाए।