16 सितंबर से बिहार के 13 जिलों में होगी 'राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान' की शुरुआतः स्वास्थ्य मंत्री

Edited By Ramanjot, Updated: 29 Aug, 2021 12:47 PM

national deworming campaign  to be launched in 13 districts of bihar

मंगल पांडेय ने शनिवार को बताया कि 16 सितंबर से राज्य के 13 जिले अरवल, भोजपुर, दरभंगा, गया, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर एवं वैशाली में ''राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान'' की शुरुआत होगी। 21 सितंबर तक चलने वाले इस...

पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि 16 सितंबर से राज्य के 13 जिलों में 'राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान' की शुरुआत होगी और इस दौरान एक सप्ताह के अंदर दो करोड़ 16 लाख बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवा खिलाई जाएगी।

मंगल पांडेय ने शनिवार को बताया कि 16 सितंबर से राज्य के 13 जिले अरवल, भोजपुर, दरभंगा, गया, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर एवं वैशाली में 'राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान' की शुरुआत होगी। 21 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत एक वर्ष के बच्चों से लेकर 19 वर्ष तक के युवाओं को कृमि नियंत्रण की दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के माध्यम से लगभग दो करोड़ 16 लाख बच्चे, किशोर-किशोरी लाभान्वित होंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभियान की बागडोर आशा कायकर्ताओं के हाथों में होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण कर एक से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों एवं छह से 19 वर्ष तक के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को एल्बेंडाजोल (400 एमजी) की गोली खिलाएंगी। उन्होंने कहा कि जो बच्चे किसी कारण से विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं, उन्हें भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उनके घर जाकर कृमि मुक्ति की दवा खिलाएंगी।

पांडेय ने कहा कि शहरी क्षेत्र के सभी निजी एवं सरकारी विद्यालयों, तकनीकी, कोचिंग संस्थानों तथा स्लम क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष मोबाइल टीम का भी गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कृमि मुक्ति कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन करेंगी। गृह भ्रमण अथवा विद्यालय में दवा खिलाने के समय मास्क, दस्ताने, सेनेटाइजर का प्रयोग करेंगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कृमि संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर और हीमोग्लोबिन स्तर पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है। पीजीआई, चंडीगढ़, आरएमआरआई, पटना, एनआईई, चेन्नई, एविडेंस ऐक्शन और राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार बच्चों में कृमि संक्रमण की दर 2011 में 65 फीसदी थी, जो घटकर 2019 में 24 फीसदी पर आ गई है।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!