Edited By Ramanjot, Updated: 29 Jun, 2023 12:16 PM

एजेंसी ने कहा कि बिहार के औरंगाबाद जिले के 22 वर्षीय अभिनव उर्फ "गौरव कुमार" उर्फ "बिट्टू" के खिलाफ झारखंड के रांची में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया। उसने कहा कि तीन जनवरी को गिरफ्तार किए गए अभिनव पर भारतीय दंड संहिता और...
नई दिल्ली/पटनाः राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की मगध क्षेत्रीय इकाई को फिर से खड़ा करने के लिए बिहार में धन जुटाने की साजिश के मामले में बुधवार को अपना पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।
एजेंसी ने कहा कि बिहार के औरंगाबाद जिले के 22 वर्षीय अभिनव उर्फ "गौरव कुमार" उर्फ "बिट्टू" के खिलाफ झारखंड के रांची में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया गया। उसने कहा कि तीन जनवरी को गिरफ्तार किए गए अभिनव पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने अपनी जांच का हवाला देते हुए कहा कि भाकपा (माओवादी) का कैडर अभिनव प्रतिबंधित नक्सली संगठन के लिए धन जुटाने की साजिश का हिस्सा था।
एनआईए ने 2021 में दर्ज किया था मामला
संघीय ने एजेंसी ने कहा, ‘‘यह भी पाया गया कि उसने मगध क्षेत्र में भाकपा (माओवादी) को फिर से खड़ा करने के लिए भाकपा (माओवादी) के पूर्व कैडर को प्रेरित किया था और संगठन के कार्यकर्ताओं और झारखंड और बिहार में मगध क्षेत्र के अन्य हितधारकों के बीच एक माध्यम के रूप में काम किया था।'' एनआईए ने 2021 में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था जब उसे पता चला कि भाकपा (माओवादी) कैडर और ओवरग्राउंड वर्कर (ओडब्ल्यूजी) आतंकी वित्तपोषण नेटवर्क चला रहे हैं। एजेंसी ने कहा कि उक्त साजिश का उद्देश्य मगध क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के लिए विभिन्न जेलों में बंद कैदियों और भूमिगत सदस्यों के साथ सक्रिय संपर्क करते हुए हथियार और गोला-बारूद की खरीद और नए कैडरों की भर्ती के लिए धन जुटाना था।
एजेंसी ने दो आरोपियों के खिलाफ दायर किया था आरोपपत्र
एनआईए ने इस मामले में तीन अन्य आरोपियों-तरुण कुमार, प्रद्युम्न शर्मा और आनंदी पासवान को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने 20 जनवरी को दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। एनआईए की जांच के अनुसार, शर्मा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची थी और अपने हिंसक एवं विध्वंसक षड्यंत्रों को आगे बढ़ाने के लिए हथियार और गोला-बारूद की खरीद के लिए ठेकेदारों से जबरन वसूली सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटा रहे थे। इसमें कहा गया है कि वे भाकपा (माओवादी) कैडर के प्रशिक्षण में भी लिप्त हुए थे। एजेंसी ने कहा कि साजिश को पूरी तरह से उजागर करने के लिए आगे की जांच जारी है।