Edited By PTI News Agency, Updated: 01 Jul, 2022 12:10 AM
पटना, 30 जून (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि बिहार में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चार विधायक उनकी पर्टी में इसलिए शामिल हुए क्योंकि वे राज्य विधानसभा में भाजपा को...
पटना, 30 जून (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि बिहार में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चार विधायक उनकी पर्टी में इसलिए शामिल हुए क्योंकि वे राज्य विधानसभा में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर देख कर सहज नहीं थे।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस तथ्य को भी रेखांकित करने की कोशिश की कि इन विधायकों ने ऐसी पार्टी को चुना जो सत्ता में नहीं थी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह कोई छोटी बात नहीं है। आम तौर पर छोटे दल बड़े दलों के साथ तभी विलय करते हैं जब वे सत्ता में होते हैं। मुझे ऐसा कोई उदाहरण याद नहीं है जब विपक्ष में होते हुए भी बड़ी पार्टी चुनी गई हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में हमें राजग से लगभग एक दर्जन सीटें कम मिली थीं हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन और हमारे पांच पार्टी वाले गठबंधन द्वारा डाले गए वोटों के बीच का अंतर लगभग 12000 था। अब अगर हम नए शामिल हुए के वोटों पर गौर करें तो तो हमारे वोटों की संख्या अधिक हो जाती है।’’
तेजस्वी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हमारे पास ये चार विधायक हैं जो सभी सीमांचल क्षेत्र से चुने गए हैं। राजद ने उस क्षेत्र की अधिकांश सीटें कांग्रेस को दे दी थी। अब इस नए बदलाव के साथ महागठबंधन ने महत्वपूर्ण क्षेत्र में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की है।’’
तेजस्वी ने एआईएमआईएम की बिहार इकाई के प्रमुख अख्तरुल ईमान के उस आरोप पर आपत्ति जताई कि उसके एक विधायक को छोड़कर सभी को राजद द्वारा अपने में शामिल कर लिया जाना ‘‘विश्वासघात’’ के समान था।
राजद नेता ने कहा, ‘‘ये विधायक नहीं चाहते थे कि भाजपा जिसके पास 77 विधायक हैं, सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल करना जारी रखे। क्या हमें यह निष्कर्ष निकालना चाहिए कि ईमान स्थिति से खुश थे।’’
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