Edited By Nitika, Updated: 04 Oct, 2023 04:19 PM

बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने चीन समर्थक प्रचार के लिए धन लेने के आरोप में समाचार पोर्टल ‘न्यूज़क्लिक' के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए दावा किया कि इस कदम ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी...
पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने चीन समर्थक प्रचार के लिए धन लेने के आरोप में समाचार पोर्टल ‘न्यूज़क्लिक' के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए दावा किया कि इस कदम ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘घबराहट' को उजागर कर दिया है।
बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार ‘न्यूज़क्लिक' के कार्यालय पर तलाशी और उससे जुड़े पत्रकारों को हिरासत में लेकर आतंक का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। मुझे यकीन है कि उनमें से कोई भी इस तरह के हथकंडों से डरेगा नहीं। हम इन घटनाओं की निंदा करते हैं।'' उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सभी पत्रकारों की राष्ट्र और समाज के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
तिवारी ने कहा, ‘‘उनमें से उर्मिलेश पटना के पत्रकारिता जगत में जाना माना नाम हैं। उन्होंने यहां लंबे समय तक काम किया था। यह भरोसा करना मुश्किल है कि इनमें से कोई भी वरिष्ठ पत्रकार राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाला काम कर सकता है।'' राजद नेता ने कहा, ‘‘मोदी सरकार अगले साल लोकसभा चुनाव का सामना करने को लेकर अपनी घबराहट को दिखा रही है। उसने मुख्यधारा के समाचार चैनलों के बाद अब यूट्यूब पर राजनीति का स्वतंत्र रूप से विश्लेषण करने वालों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं।''
भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया मंच ‘‘एक्स'' पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकार अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, भाषा सिंह और कई अन्य लेखकों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार द्वारा डराने-धमकाने के साथ उन्हें उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है। असहमत आवाज़ों पर इस तरह के हमले की निंदा की जानी चाहिए।” उनकी पार्टी बिहार की गठबंधन सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। भाकपा माले नेता ने एक पोस्टर भी साझा किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नफरत फैलाने वालों और फर्जी समाचार प्रसारित करने वालों को खुली छूट दी गई है लेकिन निष्पक्ष पत्रकारों को डराया-धमकाया जा रहा है।
पोस्टर में यह भी मांग की गई है, “प्रतिशोधी छापेमारी बंद करो। सभी झूठे आरोप वापस लो।” पोस्टर में ‘न्यूज़क्लिक के कुछ पत्रकारों की तस्वीरें भी लगी हैं और इसका शीर्षक “मोदी सरकार के तहत सच्च बोलने की कीमत” है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार सुबह ‘न्यूज़क्लिक' से जुड़े 30 परिसरों के साथ-साथ इसके पत्रकारों के घरों पर छापेमारी की।