Edited By Ramanjot, Updated: 22 May, 2025 08:41 PM

बिहार में कुल 6 लाख 16 हजार 329 दिव्यांगजनों को अबतक यूनिक दिव्यांग पहचान-पत्र (यूडीआईडी) जारी किया गया है। शेष लंबित 1 लाख 1 हजार 334 नये आवेदनों को जल्द से जल्द निष्पादित करने के लिए विशेष पहल की जा रही है।
पटना:बिहार में कुल 6 लाख 16 हजार 329 दिव्यांगजनों को अबतक यूनिक दिव्यांग पहचान-पत्र (यूडीआईडी) जारी किया गया है। शेष लंबित 1 लाख 1 हजार 334 नये आवेदनों को जल्द से जल्द निष्पादित करने के लिए विशेष पहल की जा रही है। समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने कम-से-कम 25 प्रतिशत लंबित मामलों का निष्पादन जून 2025 के अंत तक करने का निर्देश राज्य स्तरीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण समीक्षा बैठक के दौरान दिया।
विभागीय बैठक के दौरान सचिव बंदना प्रेयषी ने दिव्यांगजनों के सर्वे एवं प्रमाणीकरण के लिए नियमित रूप से विशेष शिविरों के आयोजन का भी आदेश दिया ताकि सभी पात्र लाभार्थियों को इस पहचान-पत्र से आच्छादित किया जा सके।
समीक्षा के क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छत्र योजना ‘सम्बल’ के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले बैट्री चालित ट्राईसाइकिल और अन्य सहायक उपकरणों को ससमय पात्र लाभुकों तक वितरित करने का निर्देश दिया। इस दौरान बैटरी चालित ट्राईसाइकिल के लिए कुल वार्षिक लक्ष्य 6,000 और सहायक उपकरण हेतु वार्षिक लक्ष्य 7,000 निर्धारित करने का निर्देश दिया गया। पिछले वर्ष कुल 24,981 ट्राईसाइकिल और 97,142 उपकरण लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
58 लंबित आवेदनों के निष्पादन का भी निर्देश
बैठक के दौरान कानूनी संरक्षकता (लीगल गार्जियनशीप) से संबंधित कुल 58 लंबित आवेदनों के निष्पादन का भी निर्देश दिया गया। सचिव ने योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन, जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के सहयोग तथा वृहद प्रचार-प्रसार हेतु फ्लैक्स, बैनर, नुक्कड़-नाटक, माइकिंग आदि माध्यमों के प्रयोग पर बल दिया।
मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं एवं बच्चों के पुनर्वास की पहल
विभागीय सचिव ने पटना स्थित तीन आसरा गृहों की भी समीक्षा की और अधिकारियों को लाभार्थियों के परिवारों से संपर्क कर उन्हें पुनर्वासित करने के निर्देश दिए। साथ ही मूक-बधिर, नेत्रहीन और मानसिक दिव्यांग बच्चों के आवासीय और दिवाकालीन विद्यालयों (चमन) की संचालन स्थिति की भी गहन समीक्षा की।
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति और पुनर्वास योजनाओं पर जोर
बैठक में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना, एडीप योजना, दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) एवं सीपीडीए योजना की भी समीक्षा की गई। वर्ष 2025-26 में 5,000 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य तय किया गया है। गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों में 7,755 छात्र-छात्राएं इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
राज्य आयुक्त नि:शक्तता कार्यालय के विषयों की समीक्षा
राज्य आयुक्त नि:शक्तता कार्यालय से संबंधित 27 लंबित निबंधन/पुनर्निबंधन आवेदनों की त्वरित जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी बैठक के दौरान दिया गया। समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने अंत में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गंभीरता, संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य करते हुए राज्य के दिव्यांगजनों को योजनाओं का समुचित लाभ समय पर उपलब्ध कराएं।
समीक्षा बैठक में इनकी रही मौजूदगी
समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय के निदेशक योगेश कुमार सागर, उपसचिव हरिशंकर राम, अपर आयुक्त नि:शक्तता रुबि कुमारी , उपनिदेशक भुवन कुमार समेत दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय के कई पदाधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।