जमशेदपुर के अस्पतालों में 72 घंटे में आए 2,679 सर्दी, खांसी के मरीज, H3N2 वायरस से निपटने के लिए झारखंड तैयार

Edited By Khushi, Updated: 13 Mar, 2023 11:27 AM

2 679 cold cough patients arrived in jamshedpur hospitals in 72 hours

बंगाल में एडिनो वायरस और दूसरा एच-3 एन-2 वायरस ने जमकर कहर बरपाया हुआ है। वहां अभी तक दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है।

जमशेदपुर: बंगाल में एडिनो वायरस और दूसरा एच-3 एन-2 वायरस ने जमकर कहर बरपाया हुआ है। वहां अभी तक दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस वायरस को लेकर झारखंड अलर्ट हो गया है क्योंकि राज्य के पड़ोसी शहर बंगाल से रोजाना दर्जनों मरीज इलाज कराने जमशेदपुर जिले में आते हैं। ऐसे में यहां भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।

वायरस को लेकर राज्य के अस्पतालों में अलर्ट जारी  
बता दें कि शहर के अस्पतालों में पिछले 72 घंटे में सर्दी, खांसी व बुखार के 2,679 मरीज आ चुके हैं। राहत की बात ये है कि इसमें से कोई एच3एन2 का संदिग्ध नहीं है। जिला सर्विलांस विभाग के महामारी रोग विशेषज्ञ डाॅ. अशद ने कहा कि जमशेदपुर में अभी तक एक भी एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीज नहीं है, लेकिन सभी अस्पतालों को अलर्ट जारी कर इसके संदिग्ध मरीजों की जानकारी व सैंपल जांच कराने का निर्देश दिया गया है। डाॅ. अशद ने कहा कि इस वायरस से सावधानी बरतने की जरूरत है। बाहर जाने पर मास्क का उपयोग करें। हाथों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। ठंडी चीजों को खाने से बचें। बीमार होने पर खुद को आइसोलेट करने की कोशिश करें और डॉक्टर को दिखाएं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने डीसी को पत्र लिखकर एडिनो व एच3एन2 वायरस से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। इन बीमारियों को लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने को कहा गया है।

क्या है एडिनो व एच-3 एन-2 वायरस?
एडिनो वायरस व एच-3 एन-2 वायरस का लक्षण लगभग एक समान है। H3N2 वायरस इन्फ्लूएंजा ए के H1N1 का म्यूटेट हुआ वेरिएंट है, जो कि किसी भी उम्र के व्यक्ति और साल के किसी भी समय शिकार बना सकता है। सीडीसी के मुताबिक, इसके लक्षण किसी भी अन्य सीजनल फ्लू की तरह हो सकते हैं, जिसमें खांसी, नाक बहना, जी मिचलाना, शारीरिक दर्द, उल्टी व डायरिया आदि शामिल हो सकते हैं। इंफ्लुएंजा का H3N2 स्ट्रेन सूअर से इंसानों और इंसानों से सूअर में फैल सकता है। यह मुख्यतः: खांसी व छींकने के दौरान निकलने वाली बूंदों से दूसरे व्यक्ति को चपेट में लेता है। यह वायरस किसी संक्रमित सतह या मल-मूत्र के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। यह खासतौर से बच्चों को अपनी चपेट में लेता है और H3N2 के साथ मिलकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। इसलिए इन दोनों वायरस से बचाव के तरीके जरूर अपनाएं।

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