झारखंड में हाड़ कंपाने वाली सर्दी ने मचाया हाहाकार! रांची RIMS में बढ़े हार्ट अटैक, बीपी व निमोनिया के मरीज, 1 दिन में 85 भर्ती; यहां पढ़ें ठंड से बचने के उपाय

Edited By Khushi, Updated: 26 Dec, 2025 01:04 PM

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Jharkhand weather: झारखंड में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। कड़ाके की ठंड के प्रकोप के फिलहाल थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं। ठंड से लोगों का हाल बेहाल हो गया। अस्पतालों में तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। रांची रिम्स में हार्ट अटैक, बीपी और...

Jharkhand weather: झारखंड में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। कड़ाके की ठंड के प्रकोप के फिलहाल थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं। ठंड से लोगों का हाल बेहाल हो गया। अस्पतालों में तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। रांची रिम्स में हार्ट अटैक, बीपी और निमोनिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं।

खाली पेट बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है
रिम्स में एक दिन में इमरजेंसी में 85 नए मरीज भर्ती किए गए। इनमें बीपी, हार्ट अटैक, लकवा (स्ट्रोक), ब्रेन हेमरेज के साथ-साथ निमोनिया के मरीज शामिल हैं। सभी का इलाज चल रहा है। हार्ट, ब्रेन स्ट्रोक और निमोनिया के मरीजों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। रिम्स के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि इस बार शीतलहरी के दौरान बीमारियों का असर अधिक देखने को मिल रहा है। ठंड बढ़ते ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, जिससे बुजुर्ग, बीपी-शुगर के मरीज और पहले से बीमार लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कई मरीज वायरल संक्रमण की चपेट में भी आ रहे हैं। डॉ. के अनुसार ठंड में शरीर को तापमान बनाए रखने के लिए अधिक कैलोरी की जरूरत होती है। ऐसे में खाली पेट बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे बीपी अचानक बढ़ सकता है। यही कारण है कि हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं।

कपड़े और बचाव
परतों में कपड़े: एक मोटी परत की बजाय ऊनी या सिंथेटिक कपड़ों की कई परतें पहनें, ये गर्म रखते हैं और गीले होने पर बदलना आसान होता है।

सिर, हाथ-पैर: टोपी, स्कार्फ, दस्ताने और गर्म, वाटरप्रूफ जूते पहनें, क्योंकि शरीर की गर्मी सिर और पैरों से ज्यादा निकलती है।

सूखे रहें: गीले कपड़े तुरंत बदलें, नमी से शीतदंश (frostbite) का खतरा बढ़ता है।

हवा से बचाव: हवा की दिशा का ध्यान रखें और हवा से बचाने वाले कपड़े पहनें।
 
खान-पान और हाइड्रेशन
गर्म पेय: अदरक-तुलसी की चाय, गर्म दूध, सूप पिएं।

पौष्टिक भोजन: हल्दी वाला दूध, मेवे (बादाम, अखरोट), गाजर, पालक, और लहसुन-शहद खाएं, ये शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं।

हाइड्रेटेड रहें: ठंड में भी पानी और गर्म तरल पदार्थ खूब पिएं।

शराब/कैफीन से बचें: इनसे शरीर की गर्मी कम हो सकती है।
 
घर और आसपास
घर गर्म रखें: एक कमरे में रहें और रात में खिड़कियों-दरवाजों पर कंबल लगाएं।

पालतू जानवर: सुनिश्चित करें कि पालतू जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन, पानी और आश्रय हो।
 
अन्य सावधानियां
व्यायाम: घर के अंदर व्यायाम करें, इससे गर्माहट मिलती है।

लक्षणों पर नजर: कंपकंपी, सुन्नपन, या भ्रम महसूस हो तो तुरंत गर्म जगह पर जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।

पड़ोसियों का ध्यान: अकेले रहने वाले, बुजुर्गों और बीमार लोगों का हालचाल पूछें।

बीपी और शुगर के मरीज अपनी दवाएं नियमित और समय पर लें

ठंडे पानी से अचानक स्नान न करें

खांसी, बुखार या सांस की तकलीफ होने पर देर न करें और डॉक्टर से संपर्क करें

बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें

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