Edited By Khushi, Updated: 25 Mar, 2023 10:16 AM

झारखंड में सरहुल पर्व को लेकर हर तरफ हर्ष, उत्साह और जश्न का माहौल है। मांदर- नगाड़े की थाप और थिरकते कदम हैं।
रांची: झारखंड में सरहुल पर्व को लेकर हर तरफ हर्ष, उत्साह और जश्न का माहौल है। मांदर- नगाड़े की थाप और थिरकते कदम हैं। सरना स्थलों में पूरे विधि -विधान के साथ 'प्रकृति' पूजा -अर्चना की।
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CM ने सरहुल पर्व की दी बधाई
दरअसल, सदियों से चली आ रही यह परंपरा बताती है कि प्रकृति पर्व सरहुल का आदिवासी समाज में कितनी अहमियत है। सरहुल सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी छात्रावास, करमटोली में सरहुल महोत्सव को संबोधित करते हुए यह बातें कही। इस अवसर पर उन्होंने सरना स्थल में पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना के उपरांत मांदर बजाकर लोगों के साथ खुशियां बांटी। उन्होंने सभी को प्रकृति पर्व सरहुल की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छात्रावासों को सुसज्जित और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्णय लिया है। छात्रावासों के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू हो चुका है। इस कड़ी में आदिवासी छात्रावास को भी नया आयाम देने की कार्य योजना बन चुकी है। यहां बच्चे और बच्चियों के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी छात्रावास बनेगा, जहां पढ़ाई करने वाले 500 लड़के और 500 लड़कियों के रहने की मुकम्मल व्यवस्था होगी।
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CM ने वीमेंस कॉलेज के साइंस और आट्रस ब्लॉक के जीर्णोद्धार करने की घोषणा की
सीएम हेमंत ने रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस और आट्रस ब्लॉक के जीर्णोद्धार करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना और मसना स्थल आदिवासियों की आस्था से जुड़ा है। इसे संरक्षित रखने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि सामाजिक धरोहरों को अक्षुण्ण रखने में समाज को भी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार के प्रयास और आपके योगदान से हम अपने सामाजिक -धार्मिक धरोहर को अलग पहचान दे सकते हैं।