Edited By Khushi, Updated: 19 May, 2023 04:25 PM

भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने नियोजन नीति के सवाल पर फिर एक बार मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया।
Ranchi: भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने नियोजन नीति के सवाल पर फिर एक बार मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया। प्रकाश ने प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 19 मई को खेलगांव स्थित टाना भगत स्टेडियम में राज्य के 3469 हाई स्कूल शिक्षकों को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नियुक्ति पत्र देने जा रहे हैं।
"यह नियुक्ति है रघुवर सरकार की देन"
प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में मंच से राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता को बताएं कि ये नियुक्ति पत्र किस नियोजन नीति के तहत बांटे जा रहे हैं। राज्य की जनता यह जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि जहां तक इन शिक्षकों की नियुक्तियों का सवाल है तो जनता और अभ्यर्थी जानते हैं कि यह नियुक्ति रघुवर सरकार की देन है। इससे संबंधित विज्ञापन पुरवर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल 2016 में निकाला गया था। परीक्षाएं भी भाजपा सरकार में हुई थी, लेकिन कतिपय कारणों से जब मामला न्यायालय में गया तो ये हेमंत सरकार ही है जिसने बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए महंगे वकीलों के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध कराया। उन्होंने कहा बावजूद इसके उच्चतम न्यायालय ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसले दिए और नियुक्ति हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया।
"हेमंत सरकार नियुक्तियां बांटकर अपनी पीठ भी थपथपाना चाहती है"
उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया कि रघुवर सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया संवैधानिक रूप से सही थी। प्रकाश ने कहा कि एक तरफ यह सरकार नियोजन नीति के नाम पर बेरोजगारों को दिग्भ्रमित करती है दूसरी ओर नियुक्तियां बांटकर अपना पीठ भी थपथपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आखिर साढ़े तीन वर्षों तक नियुक्तियों को लटकाने भटकाने का जिम्मेदार कौन है? क्यों इन नियुक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि यह विचित्र सरकार है जो एक तरफ नियुक्ति प्रक्रिया का विरोध करने के लिए भी पैसा पानी की तरह खर्च करती है दूसरी तरफ उसी विज्ञापन से संबंधित नियुक्ति पत्र बांटकर विज्ञापन के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च कर अपना पीठ भी थपथपाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ति करने की जिम्मेवार हेमंत सोरेन सरकार है।