Edited By Diksha kanojia, Updated: 18 Apr, 2021 12:44 PM
सोरेन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि अन्य राज्यों की तरह झारखंड भी कोरोना के दूसरी लहर के दौरान तीव्र संक्रमण का सामना कर रहा है, जो मार्च 2021 के मध्य में शुरू हुआ है। 18 मार्च से पहले नए मामलों की प्रतिदिन औसत संख्या सौ से कम थी, जो एक...
रांचीः झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जंग में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में तैनात चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों की सेवा प्राप्त करने की अनुमति देने की मांग की।
सोरेन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि अन्य राज्यों की तरह झारखंड भी कोरोना के दूसरी लहर के दौरान तीव्र संक्रमण का सामना कर रहा है, जो मार्च 2021 के मध्य में शुरू हुआ है। 18 मार्च से पहले नए मामलों की प्रतिदिन औसत संख्या सौ से कम थी, जो एक महीने से कम समय में 3000 से अधिक हो गयी है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में कोरोना की पहली लहर के दौरान 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमण के मामले छूने से फैल रहे थे और संक्रमितों को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने लिखा है कि राज्य ने टीकाकरण के कारण दूसरी लहर में संक्रमण के अपेक्षाकृत कम प्रसार की उम्मीद जताई थी लेकिन यह आश्चर्यजनक रूप से बेहद वायरल हो गया है।
झारखंड एक स्थलरुद्ध प्रदेश है, जो पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के साथ अपनी सीमा बनाता है और कोविड से प्रभावित इन राज्यों में समस्या अधिक गंभीर हो गई है।