राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से झारखंड की आदिवासी युवती ने की मुलाकात, बोली- दोबारा मिलना किसी सपने से कम नहीं

Edited By Khushi, Updated: 02 Aug, 2025 04:25 PM

president draupadi murmu met a tribal girl from jharkhand

रांची: झारखंड की राज्यपाल के तौर पर जब द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2016 में दौरे पर आई थीं तब आदिवासी लड़की रश्मि बिरहोर रामगढ़ के एक छोटे से गांव में भीड़ में चुपचाप खड़ी थी। हालांकि, दोनों के बीच एक संक्षिप्त बातचीत हुई थी, लेकिन इस क्षण ने उस लड़की के मन...

रांची: झारखंड की राज्यपाल के तौर पर जब द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2016 में दौरे पर आई थीं तब आदिवासी लड़की रश्मि बिरहोर रामगढ़ के एक छोटे से गांव में भीड़ में चुपचाप खड़ी थी। हालांकि, दोनों के बीच एक संक्षिप्त बातचीत हुई थी, लेकिन इस क्षण ने उस लड़की के मन में एक ऐसा सपना जगा दिया, जिसने उसकी ज़िंदगी बदल दी। अब 2025 में, रश्मि रामगढ़ में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) समुदाय से पहली मैट्रिक और स्नातक बनी हैं। जब यह खबर वर्तमान राष्ट्रपति मुर्मू तक पहुंची तो रश्मि का जैसे ‘सपना सच हो गया'। राष्ट्रपति के दो दिवसीय झारखंड दौरे के दौरान रश्मि को राजभवन से विशेष निमंत्रण मिला। यह मुलाकात न केवल रश्मि और उनके परिवार के लिए, बल्कि उनके साथ जुड़े समुदाय और संस्थाओं के लिए भी बेहद भावुक थी।

टाटा स्टील फाउंडेशन के एक बयान के अनुसार, रश्मि ने कहा, ‘‘उनसे दोबारा मिलना - इस बार भारत की राष्ट्रपति के रूप में - एक सपने जैसा लगा।'' रश्मि के साथ टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ), पश्चिम बोकारो में सामुदायिक विकास के सहायक प्रबंधक दीपक कुमार श्रीवास्तव भी थे। कुमार की टीम ने आकांक्षा परियोजना के माध्यम से रश्मि की शैक्षणिक यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह परियोजना टीएसएफ की प्रमुख पहल थी जो पीवीटीजी समुदायों के पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों का समर्थन करती है। मुलाकात के दौरान, रश्मि ने राष्ट्रपति के प्रति हार्दिक आभार जताया, जिन्होंने उनसे संथाली में बातचीत करके उन्हें सहजता का अनुभव कराया। रश्मि 2017 में आकांक्षा परियोजना से जुड़ी थी। आवासीय शिक्षा, वित्तीय सहायता और निरंतर मार्गदर्शन के साथ रश्मि ने सेंट रॉबर्ट्स गर्ल्स स्कूल, हजारीबाग से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में जीएम ईवनिंग कॉलेज, हजारीबाग से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। टाटा स्टील फ़ाउंडेशन ने कहा, ‘‘रश्मि की उपलब्धि आकांक्षा परियोजना के दीर्घकालिक प्रभाव का प्रमाण है और हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान में समावेशी शिक्षा की शक्ति को दर्शाती है। राष्ट्रपति के साथ रश्मि की बातचीत न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को रेखांकित करती है, बल्कि पीवीटीजी युवाओं की बढ़ती आकांक्षाओं को उजागर भी करती है।''

टाटा स्टील के पश्चिम बोकारो मंडल के महाप्रबंधक अनुराग दीक्षित ने कहा, "यह टाटा स्टील और पूरे पीवीटीजी समुदाय के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। माननीय राष्ट्रपति से रश्मि की मुलाकात केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक है। उनकी यात्रा आकांक्षा परियोजना के मूल उद्देश्य को दर्शाती है: शिक्षा के माध्यम से व्यवस्थागत बाधाओं को तोड़ना और परिवर्तन को संभव बनाना।'' फाउंडेशन द्वारा वित्त वर्ष 2013 में शुरू की गई आकांक्षा परियोजना, आवासीय और गैर-आवासीय स्कूली शिक्षा, वित्तीय सहायता और समग्र शैक्षणिक सहायता प्रदान करके पीवीटीजी समुदायों के छात्रों के लिए शैक्षिक अंतराल को पाटने का काम करती है। अब तक 80 से अधिक बिरहोर छात्र इस पहल से लाभान्वित हो चुके हैं। रश्मि के परिवार - उनके पिता सुधांशु बिरहोर, माता सावा देवी और छोटे भाई मनीष कुमार को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। अपने गांव और समुदाय के लिए, रश्मि आशा की किरण और इस बात का जीवंत उदाहरण बन गई हैं कि शिक्षा भाग्य को नया रूप दे सकती है। रश्मि की राष्ट्रपति मुर्मू के साथ मुलाकात देश के आदिवासी क्षेत्रों के सैकड़ों बच्चों के लिए एक मील का पत्थर है, जो अब जानते हैं कि सपने, चाहे कितने भी दूर क्यों न हों, पहुंच के भीतर हैं।

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