Edited By Nitika, Updated: 21 Mar, 2023 11:36 AM
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में राज्य में भू गर्भ जल स्तर का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो के सदन में आसन ग्रहण करने के बाद विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भू गर्भ जल स्तर नीचे चले जाने के कारण कई इलाकों में लोगों को पेयजल...
रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में राज्य में भू गर्भ जल स्तर का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो के सदन में आसन ग्रहण करने के बाद विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भू गर्भ जल स्तर नीचे चले जाने के कारण कई इलाकों में लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रांची, धनबाद और रामगढ़ सहित कई जिलों में भू जल की स्थिति चिंतनीय है। जल संसाधन विभाग के प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि भू जल दोहन पर अंकुश के लिए भू गर्भ जल अधिनियम बनाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। संसदीय कार्यमंत्री ठाकुर ने बताया कि अधिनियम बनने से भू जल दोहन को प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि भू जल का दोहन कम हो, इसको ध्यान में रखा जा रहा है। जल संसाधन विभाग की ओर से डीप बोरवेल आधारित सिंचाई योजना का निर्माण नहीं करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में 7 मार्च 2022 को आदेश जारी किया गया है। मंत्री ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी, अर्धसरकारी और सार्वजनिक भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
वहीं एक प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड में जेपी आंदोलन का कोई मतलब नहीं है। भाजपा विधायक विरंची नारायण के एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सुविधा मिलेगा। आंदोलनकारियों को चिह्नित करने के लिए सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा के पदाधिकारी की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय आयोग का गठन किया गया है।