स्वास्थ्य व्यवस्था का खस्ता हाल! एंबुलेंस न मिलने पर बेटे का शव थैले में ले गया पिता, झारखंड में 4 साल के मासूम को वाहन तक नसीब नहीं

Edited By Khushi, Updated: 20 Dec, 2025 04:56 PM

the state of jharkhand s healthcare is in a shambles a father returned h

Ranchi News: ऐसे तो हेमंत सरकार स्वास्थय सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन कई बार इन दावों की पोल खोल देती है। ताजा मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड के बालजोड़ी गांव से आया है। यहां एक आदिवासी पिता को अपने चार साल के बेटे का शव...

Ranchi News: ऐसे तो हेमंत सरकार स्वास्थय सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन कई बार इन दावों की पोल खुल चुकी है। ताजा मामला पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड के बालजोड़ी गांव से आया है। यहां एक आदिवासी पिता को अपने चार साल के बेटे का शव घर ले जाने के लिए चाईबासा सदर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिली। मजबूरी में पिता ने मासूम बच्चे के शव को एक थैले में रखकर अस्पताल से अपने गांव तक का सफर तय किया।

बेटे के शव को थैले में भर कर गांव लेकर आए पिता 
डिम्बा चातोम्बा अपने चार वर्षीय बेटे को इलाज के लिए दो दिन पहले सदर अस्पताल लेकर आए थे। बच्चे की तबीयत गंभीर थी और उसका इलाज अस्पताल में चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। मृत बच्चे के पिता डिम्बा चातोम्बा ने बताया कि बेटे की मौत के बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई ताकि शव को गांव तक ले जाया जा सके। उन्होंने घंटों तक अस्पताल परिसर में एंबुलेंस का इंतजार किया और उसके बाद भी कोई मदद नहीं मिली। डिम्बा के पास न तो निजी वाहन की व्यवस्था थी और न ही इतने पैसे कि वह किसी अन्य साधन से शव को घर पहुंचा सके जिसके बाद उन्होंने बेटे के शव को थैले में भरा और गांव लेकर आए। वहीं, इस मामले में राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ने संज्ञान में लिया है और संबंधित प्राधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तथा सिविल सर्जन से इस पूरे मामले पर विस्तृत और तथ्यात्मक जवाब तलब किया गया है।

"स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं"
डॉ अंसारी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि चाईबासा से जुड़ी एक घटना कुछ तथाकथित मीडिया माध्यमों में दिखाई गई है, जिसमें एक परिवार के बच्चे को झोले में ले जाने का द्दश्य दिखाया गया। यह मामला मेरे संज्ञान में आते ही मैंने तत्काल संज्ञान लिया है। संबंधित प्राधिकारी के विरुद्ध कारर्वाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तथा सिविल सर्जन से इस पूरे मामले पर विस्तृत और तथ्यात्मक जवाब तलब किया गया है। डॉ अंसारी ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कारर्वाई सुनिश्चित की जाएगी, लेकिन इसके साथ-साथ यह भी गंभीर चिंता का विषय है कि चाईबासा और पलामू जैसे जिलों में आए दिन इस तरह की नकारात्मक और भ्रामक खबरें लगातार फैलाई जा रही हैं। इससे न केवल सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि ईमानदारी से काम कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल भी तोड़ा जा रहा है।

"यदि कहीं खामियां हैं तो उन्हें सीधे हमारे संज्ञान में लाया जाए"
डॉ अंसारी ने कहा कि चाईबासा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में डॉक्टर पहले ही जाना नहीं चाहते और इस प्रकार का नकारात्मक माहौल स्थिति को और कठिन बना देता है। मैं जनता और मीडिया से अपील करता हूं कि यदि कहीं खामियां हैं तो उन्हें सीधे हमारे संज्ञान में लाया जाए। जांच होगी, सुधार होगा और दोषियों पर कार्रवाई भी होगी, लेकिन बिना पूरी जांच के किसी डॉक्टर या पूरे विभाग की छवि को मीडिया ट्रायल के जरिए खराब करना उचित नहीं है। साथ ही यह भी जांच का विषय है कि कहीं संगठित रूप से कुछ राजनीतिक और वैचारिक ताकतें सरकार और स्वास्थ्य विभाग की छवि को जानबूझकर धूमिल करने का प्रयास तो नहीं कर रही हैं। इस तरह की साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार जनता के स्वास्थ्य, सम्मान और व्यवस्था सुधार के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। सच सामने आएगा और न्याय होगा-यह मैं विश्वास दिलाता हूं।

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