Edited By Harman, Updated: 09 Jun, 2025 08:55 AM

भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रविवार को आरोप लगाया कि देश में ‘कॉरपोरेट समर्थक' नीतियों के तहत आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन आदिवासियों के ‘जल,...
रांची: भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रविवार को आरोप लगाया कि देश में ‘कॉरपोरेट समर्थक' नीतियों के तहत आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन आदिवासियों के ‘जल, जंगल, जमीन' की रक्षा के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।
भट्टाचार्य ने आदिवासी संघर्ष मोर्चा (एएसएम) की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज देश में आदिवासियों की जमीन की लूट एक संगठित प्रक्रिया बन गयी है। सरकारें कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के तहत सीएनटी-एसपीटी जैसी कानूनी सुरक्षा को कमजोर कर रही हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर खनिजों की लूट और वन क्षेत्रों पर अतिक्रमण को उचित ठहराया जा रहा है।
महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘इस लूट के खिलाफ आवाज उठाने वालों को दमन, गिरफ्तारी या झूठे मामलों का सामना करना पड़ता है। बिरसा मुंडा ने हमें सिखाया है कि जहां अत्याचार होगा, वहां विद्रोह भड़केगा। हमें इसी भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।'' एएसएम प्रभारी व भाकपा (माले) केंद्रीय कमेटी सदस्य क्लिफ्टन ने बताया कि दो दिवसीय बैठक में देशभर से आये प्रतिनिधि अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।