Edited By Harman, Updated: 08 Jun, 2025 08:58 AM

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को आरोप लगाया कि आदिवासी संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले पांच साल में राज्य से आदिवासी विलुप्त हो जायेंगे। पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम...
Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को आरोप लगाया कि आदिवासी संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले पांच साल में राज्य से आदिवासी विलुप्त हो जायेंगे।
"राज्य सरकार नहीं चाहती कि पीईएसए कानून लागू हो"
दास ने प्रेसवार्ता में कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तो झारखंड देश का पहला राज्य था जिसने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन वर्तमान सरकार के तहत यह संगठन “फलफूल” रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘‘लगभग एक पखवाड़ा पहले, केंद्र ने झारखंड सरकार को बिना देरी के पीईएसए कानून लागू करने का निर्देश दिया था, ताकि वह अनुसूचित क्षेत्रों के विकास के लिए 1,400 करोड़ रुपये वितरित कर सके। हालांकि, राज्य सरकार नहीं चाहती कि कानून लागू हो।''
"झारखंड ‘मिजोरम और नगालैंड जैसे राज्यों में बदल जाएगा"
पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पीईएसए) को आदिवासियों की सुरक्षा के लिए कवच बताते हुए ओडिशा के पूर्व राज्यपाल ने पूछा, ‘‘किसके दबाव में पीईएसए कानून को यहां अभी तक लागू नहीं किया जा सका?'' उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से आदिवासियों पर ‘‘हर तरफ से हमला'' हो रहा है, वैसे में वे निश्चित रूप से विलुप्त हो जाएंगे तथा झारखंड ‘मिजोरम और नगालैंड जैसे राज्यों में बदल जाएगा।' उन्होंने कहा, ‘‘यदि पीईएसए कानून लागू होता है तो पारंपरिक स्वशासन व्यवस्थाओं को कानूनी मान्यता मिलेगी। इससे उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक व्यवस्था को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी एवं आदिवासी समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।''