Edited By Swati Sharma, Updated: 17 Jun, 2023 05:07 PM

आम महोत्सव 2023: आम को फलों का राजा कहा जाता है। आजकल मौसम आमों का है। बाज़ार हो या घर सब जगह आम ही आम नज़र आ रहे हैं। आम की खेती बिहार में वृहद पैमाने पर की जाती है। राज्य में कई प्रजातियों के आम की खेती होती है। वहीं, पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): आम को फलों का राजा कहा जाता है। आजकल मौसम आमों का है। बाज़ार हो या घर सब जगह आम ही आम नज़र आ रहे हैं। आम की खेती बिहार में वृहद पैमाने पर की जाती है। राज्य में कई प्रजातियों के आम की खेती होती है। वहीं, पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में 2 दिवसीय आम महोत्सव 2023 का आयोजन किया गया है। आम महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य में उत्पादित विशिष्ट प्रजाति के साथ क्षेत्रीय खास प्रजाति से लोगों को रूबरू कराना एवं बाजार की सम्भावना को तलाशना है।

इस महोत्सव का आनंद 2 दिनों तक ले पाएंगे आम जन
राज्यस्तरीय आम महोत्सव-सह-प्रतियोगिता कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग द्वारा 16 से 18 जून 2023 तक ज्ञान भवन, गांधी मैदान, पटना में किया गया है। इस आम महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य यह है कि राज्य में उत्पादित विशिष्ट प्रजाति के साथ क्षेत्रीय खास प्रजाति से लोगों को रूबरू कराना एवं बाजार की सम्भावना को तलाशना है। आम उत्पादक कृषकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने एवं फलों के भंडारण, प्रसंस्करण, बाजार आदि से संबंधित नयी-नयी तकनीकी की जानकारी कृषकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आम महोत्सव का आयोजन किया गया है। स्वाद एवं रंगत के इस महोत्सव का आनंद आम जन 2 दिनों तक ले पाएंगे।

आम उत्पादों की लगाई गई प्रदर्शनी
बता दें कि राज्य में आम की प्रमुख प्रजाति के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कुछ खास प्रजाति के आम उत्पादित होते हैं, जैसे जर्दालू आम का उत्पादन भागलपुर, जर्दा पश्चिमी चम्पारण, कृष्णा भोग मधुबनी, कलकतिया दरभंगा, बम्बईया सीतामढी, गुलाब खास सुपौल, मालदह मधेपुरा एवं कटिहार, दुधिया मालदह पटना, चौसा बक्सर, बथुआ समस्तीपुर तथा चूरम्बा मालदह मुंगेर जिला में होता है। बिहार राज्य में कुल 3.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों की खेती की जाती है, जिसका उत्पादन क्षेत्र 45.09 लाख मेट्रिक टन है, जिसमें आम, केला, लीची, पपीता प्रमुख हैं। फलों में आम का 1.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 15.50 लाख टन का उत्पादन होता है।

इस आम महोत्सव में राज्य के विभिन्न जिलों के 450 आम उत्पादकों एवं उद्यमियों द्वारा आम एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पाद के 3,000 प्रदर्शों का प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनी आम के मध्यावधि किस्में मालदह, दशहरी, कृष्ण भोग, भरतभोग, हुस्न-ए-आरा, लाल आम, फजली, सुकुल, सीपिया, चौसा आदि प्रजाति के साथ कुछ विशिष्ट संकर किस्में एवं बीजू आम से सजी हुई है। आम के प्रसंस्कृत उत्पादों में कच्चा आम स्क्वैश, आम का पन्ना, जेली, जैम, पका आम का स्क्वैश, चटनी, अमावट, अचार आदि प्रदर्शित किया गया है।

"बच्चों के मनोरंजन के लिए किया गया आम खाओ प्रतियोगिता का आयोजन"
गौरतलब हो कि इस कार्यक्रम में बच्चों के मनोरंजन के लिए आम खाओ प्रतियोगिता, आम फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। वहीं कलाकारों के लिए "आम नक्काशी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा विशिष्ट प्रजाति के आमों का प्रदर्शन किया गया है। बिहार में उत्पादित आम के विभिन्न प्रजातियों में भागलपुर के जर्दालु आम को जी०आई० टैग प्रदान किया गया है।
