Edited By Swati Sharma, Updated: 21 Jan, 2025 06:46 PM
क्या आपको बिजली विभाग से यह मैसेज या कॉल आया है कि बिजली अपडेट के लिए 10 रुपये या न्यूनतम राशि का रिचार्ज कराएं? यदि हां, तो सतर्क हो जाएं। यह साइबर ठगों की नई चाल है, जो आपको अपने जाल में फंसाकर आपके बैंक अकाउंट से मोटी रकम निकालने की कोशिश कर रहे...
पटना: क्या आपको बिजली विभाग से यह मैसेज या कॉल आया है कि बिजली अपडेट के लिए 10 रुपये या न्यूनतम राशि का रिचार्ज कराएं? यदि हां, तो सतर्क हो जाएं। यह साइबर ठगों की नई चाल है, जो आपको अपने जाल में फंसाकर आपके बैंक अकाउंट से मोटी रकम निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
पिछले कुछ समय से राजधानी पटना और बिहार के विभिन्न हिस्सों में साइबर अपराधियों द्वारा बिजली विभाग के नाम पर ठगी की घटनाएं बढ़ी हैं। पहले यह ठग रात में बिजली काटने की धमकी देकर उपभोक्ताओं को लिंक भेजते थे, जिसे खोलने पर अकाउंट से बड़ी राशि निकल जाती थी। अब उन्होंने एक नया तरीका अपनाया है। बिजली उपभोक्ताओं को कॉल या मैसेज के जरिए यह कहा जाता है कि बिजली से संबंधित अपडेट के लिए एक न्यूनतम राशि का रिचार्ज करना होगा। इस प्रक्रिया में ठग एक अनजान लिंक भेजते हैं, जिसे क्लिक करने पर उपभोक्ताओं का बैंक खाता खाली हो सकता है।
विभाग ने सभी कार्यालयों को दिया ये निर्देश
बीएसपीएचसीएल के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने उपभोक्ताओं को आगाह करते हुए कहा कि बिजली विभाग कभी भी इस तरह के रिचार्ज की मांग नहीं करता। बिजली से संबंधित जानकारी जैसे खपत या बैलेंस की सूचना केवल विभाग की आधिकारिक वेबसाइट, सुविधा ऐप के जरिए ही दी जाती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी उपभोक्ता को इस तरह का कोई कॉल या मैसेज मिलता है तो वह तुरंत सतर्क हो जाए और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। पाल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की शिकायत संबंधित स्थानीय बिजली कार्यालय में तुरंत दर्ज कराएं। विभाग ने सभी कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इन फर्जी कॉल करने वाले नंबरों की सूची तैयार करें ताकि साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
उपभोक्ता केवल आधिकारिक पोर्टल और ऐप का करें उपयोग
पिछले कुछ महीनों में बिहार के कई हिस्सों से इस प्रकार की ठगी की घटनाएं सामने आई हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड ने उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। विभाग अखबारों, सोशल मीडिया, माइकिंग, और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से उपभोक्ताओं को ठगों के बदलते तरीकों के बारे में जानकारी दे रहा है। इसके साथ ही, विभाग की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उपभोक्ता केवल आधिकारिक पोर्टल और ऐप का उपयोग करें।