Edited By Ramanjot, Updated: 02 Nov, 2024 10:31 AM
राज्य के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को ‘खराब' हो गया। हाजीपुर में एक्यूआई 332 पर पहुंचने के बाद वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब' रही। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की कम गति के कारण शुक्रवार को कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब...
पटना: बिहार के चार शहरों-पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री एवं फोड़ने पर प्रतिबंध के बावजूद, दिवाली के एक दिन बाद हाजीपुर में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश के बाद दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में हरित पटाखों सहित सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
हाजीपुर में एक्यूआई लेवल पहुंचा 332
राज्य के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को ‘खराब' हो गया। हाजीपुर में एक्यूआई 332 पर पहुंचने के बाद वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब' रही। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की कम गति के कारण शुक्रवार को कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार बिहार के शहरों में हाजीपुर सबसे खराब एक्यूआई स्तर पर था। बोर्ड ने 265 शहरों का दैनिक ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक' (एक्यूआई) बुलेटिन (एक नवंबर, 2024, शाम चार बजे तक) जारी किया है। सीपीसीबी का कहना है कि बहुत खराब वायु में लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारी होती है। एक्यूआई वायु गुणवत्ता का एक आकलन है, जिसमें आठ प्रदूषकों- पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोन से कम आकार के कण पदार्थ), पीएम 10 (10 माइक्रोन से कम आकार के कण पदार्थ), नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया और शीशा को ध्यान में रखा जाता है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब', 401 से 450 के बीच ‘गंभीर' और 450 से ऊपर एक्यूआई को‘बेहद गंभीर' माना जाता है। बिहार के जिन जिलों में शुक्रवार को एक्यूआई खराब श्रेणी में था, उनमें अररिया और मुजफ्फरपुर (286 प्रत्येक), बेगूसराय (258), सारण/छपरा (254), पूर्णिया (247), सहरसा (232), पटना और समस्तीपुर (230 प्रत्येक) और किशनगंज (201) शामिल हैं। इन शहरों का एक्यूआई 'खराब' (201-300) स्तर पर पहुंच गया है।