Edited By Ramanjot, Updated: 21 Feb, 2025 08:14 AM
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गोपालगंज जिले के विजयीपुर में हुए चर्चित छात्र अटल पांडेय हत्याकांड में अदालत ने गुरुवार को दो और अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पटना: गोपालगंज जिले के विजयीपुर में हुए चर्चित छात्र अटल पांडेय हत्याकांड में अदालत ने गुरुवार को दो और अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-10 मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने इस फैसले के तहत दोनों दोषियों पर 1.5 लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।
ये हैं दोषी करार दिए गए अभियुक्त
कोर्ट ने विजयीपुर थाना क्षेत्र के कोरया गांव निवासी सिकंदर मांझी (25) और राकेश यादव (32) को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। राकेश यादव 23 सितंबर 2022 से जेल में बंद है जबकि सिकंदर मांझी 28 जुलाई 2023 से जेल में बंद है। इसके अलावा, धारा 307 के तहत दोनों अभियुक्तों को 10-10 साल के कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भरने का आदेश दिया गया। जुर्माने की राशि अदा न करने पर उन्हें 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
फैसले में अहम गवाहों की भूमिका
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपने-अपने साक्ष्य और दलीलें पेश कीं। अभियोजन की ओर से 10 साक्षियों के बयान दर्ज कराए गए, जिसमें चश्मदीद गवाहों की गवाही भी शामिल थी। इसके अलावा, हत्या से जुड़ा एक वीडियो फुटेज भी अदालत को सौंपा गया। बचाव पक्ष ने भी कोर्ट में दर्जनभर गवाहों को पेश किया, लेकिन कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को मजबूत मानते हुए दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया।
2021 में हुआ था हत्याकांड, स्पीडी ट्रायल के तहत हुई सुनवाई
यह मामला 2 दिसंबर 2021 का है, जब विजयीपुर थाना क्षेत्र के कोरया गांव में 16 वर्षीय छात्र अटल पांडेय की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। अटल लखनऊ में पढ़ाई करता था और गांव में पारिवारिक भूमि विवाद के कारण उसकी हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने माना कि अभियुक्तों ने मृतक अटल पांडेय, जो अपने पिता का इकलौता बेटा था, की संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। इस दौरान अटल को बचाने गए अन्य लोगों पर भी जानलेवा हमला किया गया था। पटना हाईकोर्ट के आदेश पर इस हत्याकांड की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत की गई थी, जिससे जल्द फैसला आ सके। अदालत के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है और दोषियों को कड़ी सजा मिलने पर संतोष जताया है।