Bihar Economic Survey: 2041 में बिहार की आधी से ज्यादा आबादी होगी नौकरी और व्यवसाय के लायक, जानिए पूरा गणित

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Mar, 2025 07:56 PM

bihar economic survey 2024 25

बिहार में जनसंख्या को लेकर एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। लोक कल्याणकारी योजनाओं (Welfare Schemes) और आर्थिक विकास (Economic Growth) का प्रभाव अब राज्य की जनसंख्या संरचना पर दिखने लगा है।

पटना: बिहार में जनसंख्या को लेकर एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। लोक कल्याणकारी योजनाओं (Welfare Schemes) और आर्थिक विकास (Economic Growth) का प्रभाव अब राज्य की जनसंख्या संरचना पर दिखने लगा है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 (Economic Survey 2024-25) के अनुसार, आने वाले 16 वर्षों (वर्ष 2041 तक) में बिहार में कामकाजी आयु वर्ग (Working Age Population) की संख्या सर्वाधिक हो जाएगी। अनुमान है कि 2041 तक हर 10 में से 6 लोग कामकाजी आयु वर्ग में शामिल होंगे।

2011 में सिर्फ 43.2% थी कामकाजी आबादी, अब बढ़कर होगी 58.3%

विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2011 की जनगणना (Census 2011) के मुताबिक बिहार में सिर्फ 43.2% आबादी कामकाजी थी, लेकिन 2041 तक यह बढ़कर 58.3% तक पहुंच जाएगी। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी (Finance Minister Samrat Choudhary) द्वारा पेश इस रिपोर्ट में जनसंख्या को तीन वर्गों में बांटा गया है:

  • किशोर (Teenage Population): 0-19 वर्ष
  • कामकाजी (Working Age Population): 20-59 वर्ष
  • बुजुर्ग (Elderly Population): 60 वर्ष से अधिक

बिहार की जनसंख्या कितनी बढ़ेगी?

सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार की कुल जनसंख्या में लगातार बढ़ोतरी होगी, लेकिन वार्षिक वृद्धि दर में कमी आएगी। आंकड़ों के मुताबिक:

  • 2021 में बिहार की जनसंख्या – 12.30 करोड़
  • 2031 तक जनसंख्या बढ़कर – 13.95 करोड़
  • 2041 तक जनसंख्या पहुंचेगी – 15.34 करोड़

हालांकि, जनसंख्या वृद्धि दर (Population Growth Rate) में गिरावट होगी। 2021 में यह 1.34% थी, जो 2041 तक घटकर मात्र 1% रह जाएगी।

किशोरों की आबादी घटेगी, बुजुर्गों की संख्या बनेगी चुनौती

रिपोर्ट में बताया गया है कि किशोरों की आबादी (0-19 वर्ष) में लगातार गिरावट होगी। 2011 में यह 43.2% थी, लेकिन 2041 तक घटकर 30.1% रह जाएगी। दूसरी ओर, 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी, जिससे कामकाजी वर्ग पर आर्थिक और सामाजिक दबाव (Social & Economic Burden) बढ़ सकता है।

क्या होगा इस बदलाव का असर?

आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा – कामकाजी वर्ग की बढ़ती संख्या से रोजगार (Employment) और औद्योगिक विकास (Industrial Growth) को गति मिलेगी।
सामाजिक सुरक्षा की बढ़ती जरूरत – बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से पेंशन (Pension), स्वास्थ्य सेवाओं (Healthcare) और सामाजिक कल्याण योजनाओं (Social Welfare Schemes) की मांग बढ़ेगी।


जनसंख्या स्थिरता की ओर बिहार – जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट से संतुलित विकास (Balanced Development) की संभावनाएं मजबूत होंगी।

बिहार की जनसंख्या संरचना में ऐतिहासिक बदलाव!

बिहार की जनसंख्या पहली बार इस तरह के बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में कामकाजी आयु वर्ग की संख्या बढ़ने से राज्य की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आ सकता है। हालांकि, बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को लेकर सरकार को नई रणनीति अपनानी होगी।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!