NEET Paper Leak: पटना में EOU कार्यालय पहुंचा CBI का एक दल, ईओयू ने सौंपे अनुसंधान से जुड़े दस्तावेज

Edited By Nitika, Updated: 24 Jun, 2024 01:28 PM

cbi team reached the eou office in patna

दिल्ली से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक 2024 (नीट-यूजी) में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के सिलसिले में सोमवार को यहां बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के कार्यालय पहुंचा।

 

पटनाः दिल्ली से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक 2024 (नीट-यूजी) में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के सिलसिले में सोमवार को यहां बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के कार्यालय पहुंचा। अनुसंधान से जुड़े कागज़ों को सीबीआई ईओयू से ले रही है। उनके साथ शास्त्री नगर थाने की टीम भी मौजूद है। वहीं ईओयू ने आरोपित छात्र सोनू और उसके पिता चंद्रकिशोर यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है।

अधिकारियों ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई इस मामले में अबतक 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। केंद्र द्वारा इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने से पहले तक ईओयू ही इसकी जांच कर रही थी। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीआई अधिकारी ईओयू से इस मामले के सबूत ले रहे हैं।'' सीबीआई ने चिकित्सा प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय की संस्तुति पर रविवार को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह परीक्षा 5 मई को हुई थी। परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक हो जाने के आरोपों पर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और कई अभ्यर्थी अदालत पहुंच गए हैं।

एक ईओयू अधिकारी ने कहा, ‘‘ईओयू द्वारा जुटाए गए सबूतों में यहां एक मकान से बरामद किए गए जले हुए प्रश्नपत्र के टुकड़े, गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन, सिमकार्ड, लैपटॉप, आगे की तारीख वाले चेक, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से प्राप्त संदर्भ प्रश्नपत्र आदि शामिल हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वे सभी पटना में न्यायिक हिरासत में हैं और सीबीआई का दल यहां एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल कर उन्हें सघन पूछताछ के लिए दिल्ली ले जा सकता है।'' उन्होंने कहा कि सीबीआई सबूतों को नष्ट करने की जांच के सिलसिले में कई प्राथमिकियां दर्ज कर सकती है तथा वह कुछ आरोपियों के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज कर सकती है।

वहीं अधिकारी ने कहा, ‘‘गिरफ्तार किए गए आरोपी, दानापुर नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा सकता है क्योंकि उसने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से काफी अधिक संपत्ति कथित रूप से अर्जित की है।'' उन्होंने बताया कि मूल रूप से समस्तीपुर के रहने वाले यादवेंदु की पहचान इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘उसकी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की पृष्ठभूमि है। 2012 में कनिष्ठ अभियंता बनने से पहले वह रांची में ठेकेदारी करता था। वह तीन करोड़ रुपए के एलईडी घोटाले में अभियुक्त रहा है। वह उस मामले में अपनी भूमिका को लेकर जेल की सजा काट चुका है।'' 

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