Edited By Ramanjot, Updated: 31 Aug, 2024 08:57 AM
चिराग पासवान ने एक साक्षात्कार के दौरान वक्फ बोर्ड बिल, एवं नौकरशाही में ‘लैटरल एंट्री, क्रीमी लेयर और अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण जैसे मुद्दों पर उनके रुख से शुरू हुई अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ जब मैं राजग का हिस्सा नहीं भी था तब भी...
पटना: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच दरार की अफवाहों पर विराम लगाते हुए शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी अलग हो ही नहीं सकते, क्योंकि ‘मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है।'
चिराग पासवान ने एक साक्षात्कार के दौरान वक्फ बोर्ड बिल, एवं नौकरशाही में ‘लैटरल एंट्री, क्रीमी लेयर और अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण जैसे मुद्दों पर उनके रुख से शुरू हुई अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ जब मैं राजग का हिस्सा नहीं भी था तब भी मैं भाजपा और प्रधानमंत्री जी के विरोध में नहीं था। आज साथ में रहकर विरोध करने की सोच मेरी जेहन में कहीं से नहीं आ सकती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ इस बात को कतई नहीं भूलना चाहिए कि मेरा समर्पण मेरे प्रधानमंत्री के प्रति है। किस हद तक है, आप सभी ने उसे उस समय भी अनुभव किया होगा जब मैं अपने जीवन के सभी सबसे कठिन दौर से गुजर रहा था। तब भी मेरा विश्वास मेरे प्रधानमंत्री पर था और जितना स्नेह प्रधानमंत्री से मुझे मिला है, उसे आप लोगों ने हाजीपुर की सभा में उनके भाषण को सुना होगा।
चिराग पासवान ने कहा, ‘‘ इस बात को कहने में मुझे कभी कोई एतराज नहीं है कि जब तक मेरे प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी हैं, तबतक चिराग पासवान और प्रधानमंत्री दोनों कभी अलग हो ही नहीं सकते। मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है।'' उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके विचार हमेशा सरकार के रुख को दर्शाते हैं जिसका एक उदाहरण वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजना है। दरअसल ऐसी अफवाह है कि मोदी का ‘‘हनुमान'' होने का दावा कर चुके चिराग पासवान ने भाजपा के संख्या बल में गिरावट की पृष्ठभूमि में अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया। इन अफवाहों को खारिज करते हुए चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी झारखंड जैसे राज्यों में राजग सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने के खिलाफ नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वास्तव में, हमारी पार्टी का बिहार और केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन है। लेकिन झारखंड जैसे राज्यों में हमारा कोई गठबंधन नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम वहां भाजपा के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं। अगर भाजपा और अन्य राजग सहयोगी हमें साथ लेना चाहती हैं, तो हम तैयार हैं।''