बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया है 34 लाख लोगों को रोजगार, सरकारी के साथ निजी क्षेत्र में आई नौकरियों की बहार

Edited By Swati Sharma, Updated: 16 Sep, 2024 05:15 PM

cm nitish has given employment to 34 lakh people in bihar

बिहार के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। स्वतंत्रता दिवस के खास अवसर पर ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से जब से काम करने का मौका मिला,सभी धर्म और जातियों...

पटना( विकास कुमार): बिहार के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। स्वतंत्रता दिवस के खास अवसर पर ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से जब से काम करने का मौका मिला,सभी धर्म और जातियों के लिए काम किया जा रहा है।उन्होंने नौकरी और रोजगार की चर्चा करते हुए कहा कि अगले एक साल के अंदर 10 लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसके साथ ही नीतीश सरकार के दौरान रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या 34 लाख हो जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि “हमने 10 लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन इस साल के अंत तक हम 12 लाख सरकारी नौकरी दे देंगे। अब तक 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है, दो लाख पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है”।

‘रोजगार सृजन के लिए नीतीश सरकार की योजनाएं’
बिहार में रोजगार सृजन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत राज्य के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक 34,441 लाभार्थियों को 2696 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 10 लाख रुपए तक की सहायता,जिसमें पांच लाख रुपए का अनुदान और पांच लाख रुपए का सॉफ्ट लोन दिया जा रहा है। वहीं बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 2 लाख रुपए तक की सहायता दी जा रही है, जिससे राज्य के गरीब परिवार अपने उद्यम की शुरुआत कर सकें। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 40,102 लाभुकों का चयन किया गया है जिन्हें पहली किस्त के तौर पर कुल 200.49 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 2023-24 में 13,598 ऋण स्वीकृत किए गए और 10,552 का वितरण हुआ। यह राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बिहार ने आवेदन अग्रेषण में दूसरा, ऋण स्वीकृत में चौथा और मार्जिन मनी वितरण में तीसरा स्थान हासिल किया।इस वर्ष 2024-25 में अब तक 4,021 ऋण स्वीकृत हुए और 1,469 का वितरण किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत बिहार को साल 2023-24 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में सम्मानित किया गया। 2023-24 में 10,343 ऋण स्वीकृत किए गए और 7206 का वितरण हुआ। 2024-25 में अब तक 158.96 करोड़ रुपए की वित्तीय प्रगति हुई है,जो कुल बजट का 73.80 फीसदी है। इस योजना के तहत बिहार में 54,476 रोजगार सृजित किए गए हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना का उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को औपचारिक बनाकर उन्हें वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करना है। सिल्क समग्र-2 योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 59.258 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन हुआ और 6.60 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित हुए। इस योजना के तहत 1,100 लाभार्थी को सीधा फायदा मिला। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 1,000 नए लाभार्थियों के लिए 1324.16 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
 
‘सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम के जरिए मिलेगा रोजगार’ 
बिहार सरकार ने सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यमों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) योजना के तहत 140 करोड़ रुपए का अनुदान आवंटित किया है। यह योजना कोविड-19 के बाद MSMEs की पुर्नबहाली और विकास के मकसद से चलाई जा रही है। इसके अतिरिक्त पीएम विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर 2023 को शिल्पकारों और कारीगरों के 18 ट्रेडस को समर्थन देने के लिए शुरू की गई। इस योजना के जरिए शिल्पकारों को वित्तीय और व्यावसायिक सहायता प्रदान करना है।

ZeD (Zero defect Zero Effect)-  इस योजना के तहत बिहार ने केंद्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है। इस योजना के तहत 81 गोल्ड,109 सिल्वर और 18,093 ब्रॉन्ज प्रमाणन दिए गए हैं। इस योजना के MSMEs को शून्य दोष और शून्य प्रभाव की उत्पादन प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित करती है। MSE-CDP योजना के तहत बिहार के लिए पहली बार चार क्लस्टर की मंजूरी मिली है। इनमें खगड़िया,दरभंगा,सहरसा और मधेपुरा शामिल है। इन परियोजनाओं के कुल 35.94 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया। औद्योगिक क्षेत्रों में आंतरिक सड़कों,बाउंड्री वॉल,ड्रेनेज,सोलर स्ट्रीट लाइट्स और निवेशकों के लिए सुविधा केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। बिहार से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 96 कार्यशालाएं आयोजित करने जा रहा है,जिनमें GI उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही राज्य में क्लस्टर विकास के तहत भागलपुर और वैशाली में केला कलस्टर, सहरसा में वाटर हायसिंथ क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इन क्लस्टरों का मकसद कृषि और परंपरागत शिल्प उद्योग को बढ़ावा देना है।
 
‘स्टार्ट अप बिहार से रोजगार को मिलेगी तेज रफ्तार’  
बिहार सरकार की स्टार्टअप नीति के तहत 2023-24 में 700 स्टार्टअप्स को पंजीकृत किया गया,जिनमें से 107 का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। स्टार्ट अप को कुल 45.6 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी गई है। साथ ही इन स्टार्टअप्स को 25 लाख रुपए तक का बिना ब्याज के कर्ज और 50 लाख रुपए तक का मैचिंग ग्रांट भी दिया जाता है। बिहार में B-Hub सह कार्यशील स्थान विकसित किए गए हैं, जिनमें 311 सीटों की क्षमता है। IIT पटना और अन्य प्रमुख संस्थानों में 21 इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं,जो राज्य में स्टार्टअप के विकास को समर्थन देंगे। हर साल बिहार इनोवेशन चैलेंज का भी आयोजन किया जाता है जिसमें इनोवेटिव स्टार्टअप को पुरस्कृत किया जाता है।

बिहार में सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए तिजोरी का मुंह खोल दिया है। वहीं लंबे अरसे से आधारभूत संरचनाओं के विकास की वजह से अब बिहार में उद्योग धंधे खुलने लगे हैं। देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने 36,000 करोड़ रुपए के निवेश की मंजूरी दे दी है। सारे संकेत इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अथक प्रयास अब रंग लाने लगा है। अगर इसी रफ्तार से बिहार प्रगति के पथ पर चलता रहा तो एक दिन लोगों को पलायन की समस्या से निजात मिल जाएगी।

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