Edited By Swati Sharma, Updated: 16 Jun, 2023 02:04 PM

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार( Nitish Kumar) ने जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि मांझी दिल्ली जाकर बात कर वापस आए थे तो हमसे कहे थे कि हम आपके साथ रहेंगे। यहां थे तो वो चाहते थे कि हम बड़े जगह...
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार( Nitish Kumar) ने जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि मांझी दिल्ली जाकर बात कर वापस आए थे तो हमसे कहे थे कि हम आपके साथ रहेंगे। यहां थे तो वो चाहते थे कि हम बड़े जगह पर रहे। एक बात सबको मालूम था कि वह जहां कहीं भी थे लेकिन बीजेपी के लोगों से मिल रहे थे। सीएम ने कहा कि अगर मांझी साथ रहते तो विपक्षी दलों को लेकर होने वाली बैठक की बातें भाजपा तक पहुंचा देते।
"मांझी के जाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता"
बता दें कि मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंगलवार को जद(यू) पर अपनी पार्टी हम के विलय का "दबाव" बनाने का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संतोष मांझी के इस्तीफे के पीछे की वजह का खुलासा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मांझी दिल्ली जाकर सब कुछ तय कर लेते थे फिर हमारे यहां भी आकर कहते थे कि हमको कुछ अलग चाहिए। तो हम तो जान ही रहे थे सब बात। इसलिए हमने एक बार कह दिया कि जब मेरे पास मिलने आए हैं तो आपको भी मालूम है आपको हमने इतना ज्यादा बनाया, कोई दूसरा नहीं बनाया। इसलिए अब या तो आप अपनी पार्टी को मर्ज कीजिए नहीं तो अलग होना है तो अलग हो जाइए। लेकिन मांझी ने मर्ज नहीं किया। सीएम ने कहा कि उनके जाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
"केंद्र सरकार चाहे तो समय से पहले चुनाव करा ही सकती है"
सीएम ने कहा कि हम लोग 23 तारीख को मीटिंग करेंगे और अगर यह लोग उस मीटिंग में अंदर होता तो जो बैठक की बातें हैं, वो बीजेपी वालों को बता देता। इसलिए हमने उनसे कहा कि या तो आप मर्ज करिए या अलग हो जाइए। उसके बाद वो अलग हो गए। अब उनकी जगह पर हमने अपने कोटे से रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया हैं। लोकसभा चुनावों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, यह तो केंद्र सरकार को अधिकार है ना, वो चाहे तो समय से पहले चुनाव करा ही सकता है। जिसको बहुमत है वह चाहे तो पहले भी चुनाव करा सकती है। जब हम लोग अटल जी के साथ थे तो उन्हीं के पार्टी वाले लोग 3-4 महीने पहले चुनाव करवा दिया था, हालांकि अटल जी ऐसा नहीं चाहते थे।