Edited By Ramanjot, Updated: 15 Oct, 2020 11:51 AM
बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक दीघा विधानसभा सीट (Digha Assembly Seat) है। जहानाबाद जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र जहानाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
जहानाबादः बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक दीघा विधानसभा सीट (Digha Assembly Seat) है। जहानाबाद जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र जहानाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
बता दें कि यह सीट साल 2008 में हुए परिसीमण के बाद अस्तित्व में आई। इस सीट पर पहली बार साल 20010 में विधानसभा के चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) हुए और जनता दल यूनाइटेड (JDU) की पूनम देवी विधायक चुनी गईं। 2015 में बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) अलग-अलग चुनाव लड़ी और इस लड़ाई में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत मिली। संजय चौरसिया विधायक चुने गए।
विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अब अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संजय चौरसिया ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राजीव रंजन प्रसाद को 24 हजार 779 वोटों से हराया और विधायक चुने गए। संजय चौरसिया को कुल 92 हजार 671 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे राजीव रंजन प्रसाद को कुल 67 हजार 892 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे एचवीडी (HVD) के उदय चंद्र चौधरी को कुल 2 हजार 673 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
वहीं 2010 में हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) के परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) की पूनम देवी ने लोजपा (LJP) के सत्यानंद शर्मा को 60 हजार 462 वोटों से हराया और विधायक चुनी गईं। पूनम देवी को कुल 81 हजार 247 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे सत्यानंद शर्मा को कुल 20 हजार 785 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस (Congress) के राजेश कुमार सिन्हा को कुल 9 हजार 215 वोट मिले थे।
पिछले दो चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर एक बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एक बार जनता दल यूनाइटेड (JDU) का कब्जा रहा है। बता दें कि जब इस सीट पर बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) एक साथ चुनाव लड़ी थी तब जेडीयू (JDU) को जीत मिली थी और जब बीजेपी-जेडीयू अलग-अलग चुनाव लड़ी तो बीजेपी (BJP) को जीत मिली। यानि कुल मिलाकर देखा जाए तो इस सीट पर बीजेपी (BJP) का पलड़ा भारी रहा है।
इस बार एक बार फिर से बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) एक साथ चुनावी मैदान में है। ऐसे में यहां पर NDA को थोड़ी बढ़त मिलती जरूर दिख रही है। लेकिन चुनाव में कुछ भी कह पाना काफी मुश्किल है वो भी ऐसे समय में जब इस बार कई गठबंधन चुनावी मैदान में मौजूद है।