Edited By Ramanjot, Updated: 24 Feb, 2025 06:26 PM

:बिहार स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन गया है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आधारित स्कैन एंड शेयर सेवा के जरिए ओपीडी पंजीकरण में देशभर में पहले स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
पटना:बिहार स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन गया है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आधारित स्कैन एंड शेयर सेवा के जरिए ओपीडी पंजीकरण में देशभर में पहले स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। इस सुविधा के तहत अब तक बिहार में 2 करोड़ से अधिक टोकन बनाए जा चुके हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को और भी सरल और तेज बनाते हैं। इसके अलावा, 3 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड (EHR) तैयार कर बिहार ने देश में चौथा स्थान प्राप्त किया है।
बिहार सरकार की इस पहल ने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को हर नागरिक तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आभा स्कैन एंड शेयर सेवा ने मरीजों के लिए ओपीडी पंजीकरण की प्रक्रिया को बेहद सरल और पारदर्शी बना दिया है। अब मरीजों को ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ता।
डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में बिहार की ऐतिहासिक छलांग
यह प्रणाली मरीजों के लिए क्यूआर कोड स्कैन एंड शेयर की सुविधा देती है, जिसके जरिए वे ओपीडी पंजीकरण का टोकन प्राप्त कर सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि प्रक्रिया भी तेज और सुगम बन गई है।
आभा योजना का उद्देश्य डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करके स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना है, ताकि मरीजों को अपनी स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स को कहीं भी और कभी भी एक्सेस करने की सुविधा मिल सके। यह सुविधा चिकित्सकों के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि अब वे मरीज के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की समीक्षा करके सटीक और बेहतर इलाज प्रदान कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग का यह कदम राज्य के प्रत्येक नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।